क्या सुप्रीम कोर्ट में कोलकाता गैंगरेप मामले की सीबीआई जांच होगी?

सारांश
Key Takeaways
- कोलकाता गैंगरेप मामले की सीबीआई जांच की मांग।
- पीड़िता को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता की जरूरत।
- महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ और CCTV निगरानी की मांग।
- राजनीतिक नेताओं की विवादित टिप्पणियाँ।
- ममता बनर्जी द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट के वकील सत्यम सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को एक पत्र भेजा है। इस पत्र में उन्होंने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। साथ ही, उन जनप्रतिनिधियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग की गई है, जो इस मामले में विवादित टिप्पणियाँ कर रहे हैं।
वकील सत्यम सिंह ने पत्र में पीड़िता को 50 लाख रुपये की आर्थिक सहायता और उसके परिवार को सुरक्षा देने की मांग की है।
इसके अतिरिक्त, शैक्षणिक संस्थानों में व्यापक सुरक्षा उपाय, जिनमें अनिवार्य सीसीटीवी निगरानी, महिला सुरक्षा प्रकोष्ठ और नियमित सुरक्षा ऑडिट शामिल हैं, की मांग की गई है।
वकील ने पत्र में पश्चिम बंगाल में यौन अपराधों के खिलाफ कानूनों को मजबूत करने के लिए ‘अपराजिता विधेयक’ को तुरंत लागू करने की मांग की है।
याचिका में पश्चिम बंगाल में पेशेवरों, खासकर महिला वकीलों के खिलाफ हिंसा रोकने के लिए सीबीआई जांच, सुरक्षा प्रोटोकॉल और संस्थागत सुधारों की मांग की गई है। याचिका में पीड़िता के लिए न्याय के साथ-साथ कानूनी बिरादरी की सुरक्षा और न्यायिक व्यवस्था की अखंडता सुनिश्चित करने की भी मांग की गई है।
25 जून को कोलकाता के लॉ कॉलेज में एक छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ था। इसमें तीन आरोपी शामिल थे, जो सभी इसी कॉलेज के छात्र हैं। इनमें से एक आरोपी कॉलेज का पूर्व छात्र है, जो टीएमसी से जुड़ा बताया जा रहा है, जिससे भाजपा ने टीएमसी पर आरोप लगाए हैं। हालांकि, पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश है। सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की जा रही है।
इस बीच, टीएमसी नेता कल्याण बनर्जी और मदन मित्रा ने इस सामूहिक दुष्कर्म मामले में विवादित टिप्पणियाँ की हैं।
कल्याण बनर्जी ने कहा था, "अगर दोस्त ही दोस्त का रेप करे, तो क्या किया जा सकता है? क्या स्कूलों और कॉलेजों में हर जगह पुलिस तैनात की जा सकती है?" मदन मित्रा ने भी इस मामले में विवादित टिप्पणी की, कहा कि अगर पीड़िता किसी को सूचित करती या दोस्तों को साथ ले जाती, तो यह टल सकता था।
इस संवेदनशील मामले में विवादित टिप्पणी करने के कारण मदन मित्रा मुश्किल में हैं। ममता बनर्जी ने उन्हें इस मामले में कारण बताओ नोटिस जारी कर तीन दिन में जवाब तलब किया है।