क्या कोलकाता गैंगरेप पर टीएमसी विधायक का बयान आपराधिक मानसिकता का प्रतीक है? : मनीष दुबे

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क्या कोलकाता गैंगरेप पर टीएमसी विधायक का बयान आपराधिक मानसिकता का प्रतीक है? : मनीष दुबे

सारांश

कोलकाता में लॉ स्टूडेंट के साथ गैंगरेप के मामले में टीएमसी विधायक मदन मित्रा के विवादास्पद बयान ने राजनीतिक हलचल मचा दी है। मनीष दुबे ने इस बयान की कड़ी निंदा करते हुए इसे शर्मनाक करार दिया। क्या यह बयान समाज में बढ़ती आपराधिक मानसिकता की ओर इशारा करता है?

Key Takeaways

  • मदन मित्रा का बयान विवादास्पद है।
  • मनीष दुबे ने इसे शर्मनाक कहा है।
  • बंगाल में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार चिंता का विषय हैं।
  • दोषियों को सख्त सजा मिलनी चाहिए।
  • संविधान की रक्षा आवश्यक है।

मुंबई, 29 जून (राष्ट्र प्रेस)। कोलकाता में एक लॉ स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप मामले में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक मदन मित्रा के विवादास्पद बयान की व्यापक आलोचना हो रही है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी गुट) के प्रवक्ता मनीष दुबे ने भी रविवार को उनके बयान की कड़ी निंदा की।

एनसीपी (एसपी) प्रवक्ता मनीष दुबे ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "यह शर्मनाक और आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है। यदि कोई किसी के बुलाने पर आता है, तो इसका यह अर्थ नहीं है कि उसके साथ जबरदस्ती की जाए। रेप जैसे अपराध का बचाव करना या रेपिस्ट का समर्थन देना बेहद निंदनीय है। बंगाल में महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे अत्याचार और दोषियों को सजा न मिलना कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है। दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए और इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए।

बिहार में चुनाव आयोग की तैयारियों को लेकर दुबे ने कहा कि बिहार में अचानक एनआरसी लागू करने का आरोप लगाया जा रहा है। इसे भाजपा की हार छुपाने की रणनीति कहा जा सकता है। इससे लोगों में डर का माहौल बनाकर असली नागरिकों को मताधिकार से वंचित किया जाएगा। एनआरसी पहले केवल असम में लागू था, और अब बिहार में बिना चर्चा लागू करना सवाल उठाता है। चुनाव आयोग का कार्य संविधान की रक्षा करना है, न कि भाजपा के इशारों पर चलना। हम इस फैसले का विरोध करते हैं और इसे अलोकतांत्रिक मानते हैं।

संघ के सहकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले के संविधान की प्रस्तावना में 'धर्मनिरपेक्ष' और 'समाजवाद' पर दिए हालिया बयान पर मनीष दुबे ने निशाना साधा। उन्होंने कहा, "जनसंघ और आरएसएस की आजादी की लड़ाई में कोई भूमिका नहीं थी, लेकिन अब वे खुद को संविधान से ऊपर समझने लगे हैं। देश की जनता ने लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें देकर उनकी औकात दिखा दी है। अगर संविधान से छेड़छाड़ की गई तो अगला लोकसभा चुनाव भाजपा के लिए विनाशकारी होगा। देश धर्मनिरपेक्षता, समानता और प्रगति के सिद्धांतों पर चलता है। संविधान से छेड़छाड़ देश को कट्टरवाद की ओर ले जाएगी, जिसे जनता कभी स्वीकार नहीं करेगी।

Point of View

बल्कि यह महिलाओं की सुरक्षा के प्रति गंभीरता को भी उजागर करता है। यह हमारे समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराधों की गंभीरता को समझने का समय है।
NationPress
03/09/2025

Frequently Asked Questions

मनीष दुबे ने टीएमसी विधायक के बयान पर क्या प्रतिक्रिया दी?
मनीष दुबे ने इस बयान को शर्मनाक और आपराधिक मानसिकता का प्रतीक बताया।
क्या गैंगरेप के मामले में सख्त सजा की जरूरत है?
बिल्कुल, दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी चाहिए ताकि समाज में सकारात्मक बदलाव आ सके।
क्या एनआरसी का बिहार में लागू होना उचित है?
मनीष दुबे ने इसे भाजपा की हार छुपाने की रणनीति बताया है।