क्या कोलकाता अस्पताल में नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को 31 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया?
सारांश
Key Takeaways
- सीसीटीवी फुटेज से आरोपी की पहचान हुई।
- अस्पताल में सुरक्षा के उपायों की कमी।
- पीड़िता का सहयोग महत्वपूर्ण है।
- अधिकारी मामले की जांच कर रहे हैं।
- नाबालिग के साथ छेड़छाड़ की घटना गंभीर है।
कोलकाता, 24 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को दक्षिण कोलकाता स्थित सरकारी एसएसकेएम मेडिकल कॉलेज में एक नाबालिग के साथ छेड़छाड़ के आरोपी को 31 अक्टूबर तक पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया।
सरकारी वकील ने अदालत को बताया कि सीसीटीवी फुटेज ने पुष्टि की है कि आरोपी अमित मलिक ने 15 वर्षीय पीड़िता को ट्रॉमा केयर विंग के शौचालय में ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ की।
फुटेज में आरोपी स्पष्ट रूप से पीड़िता को शौचालय तक ले जाते हुए दिखाई दे रहा है, जो कि घटना का स्थान है। अभियोजक ने आरोपी का डीएनए परीक्षण कराने और गोपनीय बयान दर्ज करने की भी अनुमति मांगी।
इससे पहले, राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने एसएसकेएम के अधिकारियों से घटना पर एक रिपोर्ट मांगी और यह स्पष्ट किया कि आरोपी, जो अस्पताल से संबद्ध नहीं है, फिर भी अस्पताल के अंदर कैसे घूम सकता था।
अभी वर्तमान में एनआरएस मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में संविदा कर्मचारी के रूप में कार्यरत मलिक पहले एसएसकेएम से जुड़ा था और कथित तौर पर उस पुराने लिंक का दुरुपयोग करके अस्पताल में अपनी पहुंच बनाए हुए था।
अमित मलिक के खिलाफ मुख्य आरोप एसएसकेएम के शौचालय में एक 15 वर्षीय लड़की से छेड़छाड़ करने का है। पीड़िता इलाज के लिए बाह्य रोगी विभाग पहुंची थी, तभी आरोपी ने डॉक्टर बनकर उसे ट्रॉमा केयर शौचालय में ले जाकर उसके साथ छेड़छाड़ की। लड़की सदमे में भागकर बाहर आई और अपने माता-पिता को पूरी घटना बताई।
शिकायत मिलने के बाद, भवानीपुर पुलिस स्टेशन को सूचित किया गया और पुलिस की एक टीम ने बुधवार रात आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।
इस सप्ताह की शुरुआत में, कोलकाता से सटे हावड़ा जिले के उलुबेरिया स्थित एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत एक महिला जूनियर डॉक्टर की पिटाई के आरोप में एक ट्रैफिक होमगार्ड को गिरफ्तार किया गया था। आरोपी होमगार्ड ने महिला डॉक्टर को दुष्कर्म की धमकी भी दी थी।