क्या कोलकाता सबसे सुरक्षित शहर है? एनसीआरबी रिपोर्ट पर भाजपा नेताओं के सवाल

सारांश
Key Takeaways
- कोलकाता को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर का दर्जा मिला है।
- भाजपा नेताओं ने रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं।
- पुलिस ने सुरक्षा के लिए व्यापक तैयारियां की हैं।
कोलकाता, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की नई रिपोर्ट में कोलकाता को महिलाओं के लिए सबसे सुरक्षित शहर के रूप में मान्यता दी गई है। इस उपलब्धि पर भाजपा के नेताओं ने उठाए सवाल।
केंद्रीय राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने एनसीआरबी की रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर संदेह जताते हुए कहा, "एनसीआरबी स्वतंत्र रूप से काम नहीं करता। यह राज्य सरकारों द्वारा दिए गए आंकड़ों पर निर्भर करता है। पश्चिम बंगाल में हाल की घटनाओं के पीड़ितों और उनके परिवारों से बात करें। रात में सड़कों पर घूमने वालों, टैक्सी चालकों और ऑटो चालकों से पूछें, वे आपको बताएंगे कि कोलकाता कितना असुरक्षित है।"
पश्चिम बंगाल के नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "एनसीआरबी की रिपोर्ट भले ही कोलकाता को सुरक्षित बताए, लेकिन जमीनी हकीकत जनता अच्छी तरह जानती है। यहां कोई सुरक्षा नहीं है।"
अधिकारी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़े वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाते हैं।
पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने कहा कि यहां की जनता जानती है कि किसी भी मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होती। जो आंकड़े जारी किए गए हैं उन्हें सुनकर पश्चिम बंगाल का हर बच्चा हंस रहा है।
वहीं, कोलकाता पुलिस आयुक्त मनोज वर्मा ने इसे पुलिस बल की मेहनत और समर्पण का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, "एनसीआरबी की रिपोर्ट में कोलकाता को सबसे सुरक्षित शहर का दर्जा मिलना हमारी पूरी टीम की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। कोलकाता पुलिस के प्रत्येक जवान ने दिन-रात काम किया है ताकि शहर में कानून-व्यवस्था बनी रहे और नागरिक सुरक्षित महसूस करें।"
उन्होंने यह भी बताया कि रविवार को रेड रोड पर होने वाले मुर्तियों के विसर्जन के लिए कोलकाता पुलिस ने व्यापक तैयारियां की हैं, जिसमें ट्रैफिक प्रबंधन और सुरक्षा व्यवस्था शामिल है।