क्या वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से ज्यादा जरूरी सुधार और पारदर्शिता हैं?

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क्या वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन से ज्यादा जरूरी सुधार और पारदर्शिता हैं?

सारांश

वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन के बीच, कृष्णा हेगड़े ने सुधार और पारदर्शिता की आवश्यकता पर जोर दिया है। क्या वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता की कमी और गरीब मुसलमानों के लाभ की अनदेखी से अधिक महत्वपूर्ण है? जानें इस मुद्दे पर क्या कहते हैं कृष्णा हेगड़े।

Key Takeaways

  • वक्फ संपत्तियों में सुधार और पारदर्शिता आवश्यक है।
  • प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार है, लेकिन इसके पीछे के मुद्दों को समझना जरूरी है।
  • सुप्रीम कोर्ट के सुधारों का सम्मान किया जाना चाहिए।
  • कृष्णा हेगड़े का मानना है कि मुस्लिम समुदाय की वास्तविक जरूरतों पर ध्यान देना चाहिए।
  • कांग्रेस की राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं।

मुंबई, 18 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ एक बार फिर देशभर में प्रदर्शन का ऐलान किया है। यह निर्णय सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम फैसले के बाद लिया गया है, जिससे बोर्ड असंतुष्ट है। बोर्ड का कहना है कि यह कानून मुस्लिम समुदाय के हितों के खिलाफ है।

इस विषय पर शिवसेना प्रवक्ता कृष्णा हेगड़े ने कहा कि प्रदर्शन करना उनका संवैधानिक अधिकार है, लेकिन वक्फ संपत्तियों में पारदर्शिता की कमी और गरीब मुसलमानों को लाभ न मिलने की समस्या पर ध्यान देना आवश्यक है।

कृष्णा हेगड़े ने कहा कि ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का प्रदर्शन का ऐलान करना उनका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन सवाल यह है कि हमारे मुस्लिम भाई-बहन वास्तव में क्या चाहते हैं। वक्फ की जमीन पर वर्षों से पारदर्शिता नहीं रही और गरीब मुसलमानों को इसका लाभ नहीं मिला। जमीन में हेरफेर हुआ है। सरकार द्वारा लाया गया कानून समय की आवश्यकता है और मुस्लिम समाज के हित में है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कुछ सुधारों और प्रावधानों की ओर इशारा किया है, जिनका सम्मान किया जाना चाहिए। प्रदर्शन से ज्यादा सुधार और पारदर्शिता महत्वपूर्ण हैं।

इस बीच, पटना हाईकोर्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ बनाए गए एक कथित एआई-जनरेटेड वीडियो पर सख्त रुख अपनाया है। कोर्ट ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को इस वीडियो को तुरंत हटाने का आदेश दिया है। कृष्णा हेगड़े ने इस मामले में कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि यह वीडियो प्रधानमंत्री का अपमान है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिन-प्रतिदिन निचले स्तर की और गंदी राजनीति कर रही है। कांग्रेस और विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगभग डेढ़ सौ बार गालियां दी हैं। यह निंदनीय और अस्वीकार्य है। कांग्रेस पार्टी को तुरंत माफी मांगनी चाहिए और जिम्मेदार नेताओं के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के जावरी मंदिर में भगवान विष्णु की टूटी मूर्ति को सुधारने की याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। इस पर कृष्णा हेगड़े ने कहा कि कोर्ट की टिप्पणी पर कुछ नहीं बोलेंगे, लेकिन भगवान विष्णु की प्रतिमा को सम्मान के साथ पुनःस्थापित करना आवश्यक है।

उन्होंने बताया कि खजुराहो के मंदिर आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के अधीन हैं। यदि स्थानीय लोग और संबंधित विभाग मिलकर प्रतिमा को दुरुस्त करें, तो यह आस्था और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा। इससे श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान होगा और वे दर्शन कर सकेंगे।

इसके अलावा कृष्णा हेगड़े ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 75वें जन्मदिन के अवसर पर देश-विदेश से मिली शुभकामनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी पीएम मोदी को “मेरे मित्र नरेंद्र” कहकर बधाई दी, जो उनकी वैश्विक लोकप्रियता को दर्शाता है। पीएम मोदी का नेतृत्व भारत को शक्तिशाली और विकासशील देश बना रहा है।

Point of View

लेकिन इससे भी जरूरी है कि मुस्लिम समुदाय के वास्तविक मुद्दों का समाधान किया जाए।
NationPress
18/09/2025

Frequently Asked Questions

वक्फ संशोधन कानून क्या है?
यह कानून वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए लाया गया है।
कृष्णा हेगड़े का इस कानून के बारे में क्या कहना है?
कृष्णा हेगड़े का कहना है कि सुधार और पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है।
प्रदर्शन का महत्व क्या है?
प्रदर्शन संवैधानिक अधिकार है, लेकिन यह जरूरी है कि इसके पीछे के मुद्दों का समाधान किया जाए।
सुप्रीम कोर्ट का इस मुद्दे पर क्या कहना है?
सुप्रीम कोर्ट ने कुछ सुधारों की आवश्यकता की ओर इशारा किया है।
कांग्रेस के बारे में कृष्णा हेगड़े की टिप्पणी क्या है?
कृष्णा हेगड़े ने कांग्रेस पर निचले स्तर की राजनीति करने का आरोप लगाया है।