क्या कुक्कुटासन से कंधों से लेकर पेट तक हर मांसपेशी को मजबूत किया जा सकता है?

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क्या कुक्कुटासन से कंधों से लेकर पेट तक हर मांसपेशी को मजबूत किया जा सकता है?

सारांश

कुक्कुटासन एक ऐसा योगासन है जो न केवल आपके शरीर को मजबूत बनाता है बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है। जानें इसके अनगिनत लाभ और इसे करने का सही तरीका। इस आसन के माध्यम से आप अपने पाचन को सुधार सकते हैं और फिटनेस में वृद्धि कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • कुक्कुटासन से मांसपेशियों की मजबूती में वृद्धि होती है।
  • यह पाचन तंत्र को सुधारता है।
  • गहरी सांसों से मानसिक शांति मिलती है।
  • यह शरीर को फुर्तीला बनाता है।
  • नियमित अभ्यास से चर्बी कम होती है।

नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। आज की व्यस्त जीवनशैली में योग हमें अद्भुत ऊर्जा प्रदान करता है। इसके नियमित अभ्यास से हम न केवल शारीरिक रूप से मजबूत होते हैं, बल्कि मानसिक स्थिरता भी प्राप्त करते हैं। योगासन के अनेक प्रकारों में से एक अद्भुत आसन है 'कुक्कुटासन''कुक्कुट' संस्कृत का एक शब्द है, जिसका अर्थ है 'मुर्गा', जबकि 'आसन' का मतलब है 'मुद्रा'। इस आसन को करते समय, शरीर की स्थिति एक मुर्गे जैसी होती है, इसी कारण इसे 'कुक्कुटासन' कहा जाता है। हालांकि यह आसन कठिन लग सकता है, लेकिन इसके लाभ अनगिनत हैं। यह न केवल आपके शरीर को फुर्तीला बनाता है, बल्कि आपके दिल की सेहत का भी ध्यान रखता है।

आयुष मंत्रालय के अनुसार, कुक्कुटासन से बांह, कंधे, कोहनियां, छाती और फेफड़े मजबूत होते हैं, जिससे शरीर में संतुलन स्थापित होता है। इस आसन के अभ्यास के दौरान, आपका पूरा शरीर आपकी हथेलियों और बाजुओं के बल पर टिका होता है। इससे कंधों, बाइसेप्स, और ट्राइसेप्स में खिंचाव आता है, जिससे मांसपेशियां मजबूत होती हैं और शरीर की ताकत बढ़ती है।

यह आसन सांसों में गहराई और ताजगी लाता है। जब आप कुक्कुटासन करते हैं, तो गहरी सांस लेना आवश्यक होता है। इससे आपके फेफड़ों में ऑक्सीजन का प्रवाह बढ़ता है, जिससे मानसिक शांति और ताजगी का अनुभव होता है, जो थकान को दूर करता है।

कुक्कुटासन पाचन को भी सुधारता है। जब आप इसे करते हैं, तो पेट की मांसपेशियों पर दबाव पड़ता है, जिससे पेट के अंग अधिक सक्रिय हो जाते हैं। इससे पाचन रस और एंजाइम्स का उत्पादन बढ़ता है, जो भोजन को आसानी से पचाने में मदद करते हैं। गैस, कब्ज या अपच जैसी सामान्य समस्याएं धीरे-धीरे दूर हो जाती हैं। नियमित अभ्यास से पेट और हिप्स की चर्बी भी घटती है।

यह आसन शरीर को फुर्तीला बनाता है। जब आप खुद को हथेलियों के बल उठाते हैं, तो शरीर में गर्मी और ऊर्जा का संचार होता है। यह पूरी तरह से आपको जागरूक बनाता है और ध्यान और एकाग्रता बढ़ाता है।

कुक्कुटासन करने के लिए, सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठें। फिर, अपने दाएं हाथ को धीरे-धीरे दाईं जांघ और पिंडली के बीच से निकालें और यही प्रक्रिया बाएं हाथ के साथ करें। दोनों हथेलियों को मजबूती से जमीन पर टिका दें और ध्यान रखें कि हथेलियों के बीच लगभग ३ से ४ इंच का फासला हो। अब गहरी सांस भरते हुए हथेलियों पर दबाव डालें और पूरे शरीर को जमीन से ऊपर उठाएं। इस दौरान गर्दन सीधी और आंखें सामने की ओर केंद्रित रहें। इस मुद्रा में १५ से २० सेकंड तक रहें और फिर धीरे-धीरे शरीर को नीचे लाकर पद्मासन की स्थिति में वापस आ जाएं।

Point of View

बल्कि आत्मा को भी शांति प्रदान करता है। ऐसे समय में जब स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है, योग का यह रूप हमारे जीवन में संतुलन लाने में सहायक है।
NationPress
17/07/2025

Frequently Asked Questions

कुक्कुटासन करने का सही समय क्या है?
कुक्कुटासन सुबह के समय आदर्श है, जब आपका पेट खाली हो।
क्या कुक्कुटासन से वजन कम हो सकता है?
हाँ, नियमित कुक्कुटासन करने से पेट और हिप्स की चर्बी कम होती है।
क्या कुक्कुटासन करना सभी के लिए सुरक्षित है?
यदि आपको किसी प्रकार की शारीरिक समस्या है, तो पहले अपने डॉक्टर से सलाह लें।
कुक्कुटासन करने से कौन-कौन से लाभ होते हैं?
यह आसन मांसपेशियों को मजबूत बनाता है, पाचन सुधारता है, और मानसिक शांति प्रदान करता है।