क्या 2006 मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोट मामले में कोर्ट का निर्णय निराशाजनक है?

सारांश
Key Takeaways
- कोर्ट का निर्णय निराशाजनक
- सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का आश्वासन
- समाज सेवा के लिए रचनात्मक कार्यों की प्रेरणा
- मीडिया से सबूत मांगने की अपील
- विधानसभा में गंभीरता बनाए रखने की आवश्यकता
मुंबई, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सोमवार को मुंबई के गोरेगांव स्थित गांधार फाउंडेशन द्वारा स्थापित मुफ्त डायलिसिस सेंटर के उद्घाटन समारोह में शामिल हुए और केंद्र की सुविधाओं की सराहना की। उन्होंने 2006 मुंबई लोकल ट्रेन बम विस्फोट मामले में कोर्ट के फैसले पर निराशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, "बॉम्बे हाईकोर्ट का यह निर्णय हम सभी के लिए निराशाजनक है। हम इस निर्णय का सम्मान करते हैं, लेकिन इससे संतुष्ट नहीं हैं। निश्चित रूप से हम इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देंगे ताकि न्याय सुनिश्चित हो सके। सरकार पीड़ितों के साथ है।"
अपने जन्मदिन के संबंध में, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कहा, "मैंने हमेशा सभी कार्यकर्ताओं और समर्थकों से कहा है कि जन्मदिन पर होर्डिंग और बैनर लगाने के बजाय समाज के हित में रचनात्मक कार्य करें। इस वर्ष भी मैंने सबको यही आग्रह किया कि होर्डिंग और बैनर पर खर्च करने की बजाय वह राशि मुख्यमंत्री सहायता निधि में दें। इससे हमारे मिशन में सहायता मिलेगी और जरूरतमंदों की मदद की जा सकेगी। यह समाज सेवा का एक सही माध्यम है। हम सभी को ऐसे सकारात्मक और रचनात्मक कार्यों में भाग लेना चाहिए। यह असली सामाजिक योगदान है।"
उन्होंने महाराष्ट्र विधानसभा में मोबाइल गेम खेलने से जुड़े विवाद को लेकर कहा, "मुझे लगता है, यह बेहद गलत है। जब विधानसभा में चर्चा चल रही हो, तब भले ही कामकाज में भाग न लें, लेकिन गंभीरता से बैठना जरूरी है। कभी-कभी कागजात पढ़ते समय ऐसी स्थिति बन जाती है, लेकिन रमी खेलते हुए वीडियो का सामने आना बिल्कुल सही नहीं है।" उन्होंने सफाई दी है कि हम रमी नहीं खेल रहे थे, लेकिन जो भी हुआ, वह शोभा नहीं देता है।
हनीट्रैप केस में प्रफुल्ल लोढ़ा की गिरफ्तारी पर उन्होंने कहा, "प्रफुल्ल लोढ़ा की सभी नेताओं के साथ फोटो हैं। शरद पवार साहब के साथ भी। ऐसे में सिर्फ फोटो से कुछ साबित नहीं होता। मैं मीडिया से अपील करता हूं कि वो एक बार सबूत मांगे। सबूत दिए बिना दिनभर बोलते रहना फालतू चर्चा करने जैसा है।"