क्या पहलगाम हमले पर 61 राष्ट्राध्यक्षों ने निंदा की थी?

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क्या पहलगाम हमले पर 61 राष्ट्राध्यक्षों ने निंदा की थी?

सारांश

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने पहलगाम आतंकी हमले के संदर्भ में 61 राष्ट्राध्यक्षों और 35 विदेश मंत्रियों द्वारा भारत के समर्थन में उठाए गए कदमों का उल्लेख किया है। उन्होंने बताया कि कैसे दुनिया के प्रमुख मंचों ने इस हमले की निंदा की है।

Key Takeaways

  • 61 राष्ट्राध्यक्षों ने पहलगाम हमले की निंदा की।
  • मोदी सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति
  • भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत कार्रवाई की।
  • आतंकवाद अब विदेशी प्रायोजित बन चुका है।
  • राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका महत्वपूर्ण है।

नई दिल्ली, 30 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर यह ग़लत नैरेटिव फैलाया जा रहा है कि कोई भी देश भारत के साथ नहीं खड़ा हुआ। राज्यसभा में नेता सदन नड्डा ने कहा, "सचाई यह है कि दुनिया के 61 राष्ट्राध्यक्षों ने इस आतंकी हमले की कड़ी निंदा की है। 35 विदेश मंत्रियों ने भारत के प्रति एकजुटता का मजबूत संदेश भेजा है।"

जेपी नड्डा ने बुधवार को राज्यसभा में पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत के सफल एवं निर्णायक ऑपरेशन सिंदूर पर आयोजित विशेष चर्चा में बोलते हुए कहा कि चाहे संयुक्त राष्ट्र हो, क्वाड हो या ब्रिक्स हो, हर प्रमुख वैश्विक मंच ने भारत के साथ खड़े होकर इस हमले की निंदा की है।

उन्होंने कहा, "जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद अब स्थानीय नहीं रहा, बल्कि पूरी तरह विदेशी प्रायोजित बन चुका है। अब आतंकवादियों की औसत उम्र सिर्फ 7 दिन रह गई है। यह सब मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का परिणाम है।"

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, "खड़गे जी पूछ रहे थे कि पहलगाम के आतंकियों का क्या हुआ? तो उन्हें बता दूं कि ऑपरेशन महादेव के तहत उन्हें ज़मीन में गाड़ दिया गया है।"

जेपी नड्डा ने सदन में कहा कि पहलगाम हमले के बाद, पीएम मोदी ने मधुबनी, बिहार से कहा था कि आतंकियों को कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी। हम सबको मालूम है कि 13 दिनों के अंदर ऑपरेशन सिन्दूर के माध्यम से आतंकवादियों को जवाब दिया गया। हम 300 किमी अंदर गए और आतंक के 9 ठिकानों को तबाह किया। 22 मिनट में 22 अप्रैल का बदला

उन्होंने कहा कि राजनीतिक नेतृत्व की भूमिका बेहद अहम होती है, क्योंकि वही देश की सशस्त्र सेनाओं को आवश्यक दिशा और मार्गदर्शन प्रदान करता है। जब नेतृत्व स्पष्ट और निर्णायक होता है, तभी सेनाएं अपने कर्तव्यों का प्रभावी ढंग से पालन कर पाती हैं। राज्यसभा में बोलते हुए उन्होंने कहा कि 2005 में जौनपुर में श्रमजीवी एक्सप्रेस में हरकत-उल-जिहाद ने बम ब्लास्ट किया था। 14 लोग मारे गए और 62 घायल हुए, लेकिन उस वक्त कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। जो आज हमसे पूछ रहे हैं कि पहलगाम का क्या हुआ, वो पहले खुद के गिरेबान में झांककर देखें।

जेपी नड्डा ने कहा कि इंडियन मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा ने मिलकर मुंबई में बम ब्लास्ट किया। 209 लोग मारे गए, 700 से अधिक घायल हुए। 2005 में दिवाली से ठीक पहले लश्कर-ए-तैयबा ने दिल्ली में सीरियल बम ब्लास्ट किए। 67 लोग मारे गए, 200 से अधिक घायल हुए। लेकिन तब इन आतंकवादी हमलों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसी तरह 2006 में वाराणसी के संकटमोचन मंदिर में हरकत-उल-जिहाद ने हमला किया। 28 लोग मारे गए, 100 लोग घायल हुए। तब भी कोई कार्रवाई नहीं की गई।

जेपी नड्डा ने कहा कि 2009 के एससीओ शिखर सम्मेलन में 2008 में हुए आतंकी हमले का कोई जिक्र नहीं हुआ। नड्डा ने कहा, "हमें उनकी (तत्कालीन सरकार की) तुष्टिकरण की हद को समझने की जरूरत है कि 2008 में इंडियन मुजाहिद्दीन द्वारा किए गए जयपुर बम विस्फोटों के बाद, भारत और पाकिस्तान एक विशिष्ट विश्वास-निर्माण उपायों पर सहमत हुए थे। वे हमें गोलियों से भूनते रहे और हम उनको बिरयानी खिलाने चले थे। उस सरकार ने पाकिस्तान को नियंत्रण रेखा पार करने के लिए ट्रिपल-एंट्री परमिट की अनुमति दी थी। तब भारत और पाकिस्तान के बीच आतंकवाद और व्यापार और पर्यटन जारी रहा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ता से कदम उठाए हैं। जेपी नड्डा के बयान से यह भी स्पष्ट होता है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की स्थिति मजबूत हो रही है। हमें एकजुट होकर इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
NationPress
31/07/2025

Frequently Asked Questions

पहलगाम हमले की अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया क्या थी?
61 राष्ट्राध्यक्षों और 35 विदेश मंत्रियों ने इस हमले की कड़ी निंदा की है, जो भारत के प्रति वैश्विक समर्थन दर्शाता है।
जेपी नड्डा ने किस नीति का उल्लेख किया?
उन्होंने मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का उल्लेख किया है।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने क्या कदम उठाए?
भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत 9 आतंकवादी ठिकानों को तबाह किया।
क्या पहलगाम हमला स्थानीय आतंकवाद का परिणाम है?
जेपी नड्डा ने कहा कि यह अब विदेशी प्रायोजित आतंकवाद है।
क्या पूर्व सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की?
नड्डा ने यह बताया कि पूर्व सरकार के दौरान कई हमले हुए थे लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।