क्या आम आदमी पार्टी झूठ फैलाकर ध्यान भटका रही है? सिरसा का बयान

सारांश
Key Takeaways
- दिल्ली में प्रदूषण नियंत्रण के लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं।
- सरकार अवैध घुसपैठियों के खिलाफ सख्त है।
- 'आप' पर झूठ फैलाने का आरोप है।
- सरकार मुफ्त योजनाओं का समर्थन करती है लेकिन फ्रीबी मॉडल में नहीं।
- केजरीवाल के संबंधों पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
नई दिल्ली, 8 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली के खाद्य एवं आपूर्ति, उद्योग, वन एवं पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष इंटरव्यू में प्रदूषण नियंत्रण, अवैध घुसपैठ, मुफ्त योजनाएं और राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी। सिरसा ने अपनी सरकार की पहलों का मजबूत बचाव किया और आम आदमी पार्टी (आप) पर कठोर प्रहार किया।
राष्ट्र प्रेस: दिल्ली में प्रदूषण के मुद्दे से निपटने के लिए आपकी सरकार का सबसे महत्वपूर्ण कदम क्या है?
सिरसा: यह केवल एक कदम नहीं है, हम कई मोर्चों पर कार्यरत हैं। एक प्रमुख पहल दिल्ली के कूड़े के ढेरों को हटाने की है। अब तक हमने लगभग 30 प्रतिशत कूड़ा हटाया है। 200 एकड़ में से 35 एकड़ भूमि को साफ कर वहां बांस लगाए हैं। कई स्थानों पर वॉटर स्प्रिंकलर लगाए गए हैं, पीडब्ल्यूडी सड़कों की सफाई के लिए मशीनों का उपयोग शुरू किया गया है, और नई निर्माण साइटों पर डीपीसी मॉनिटरिंग अनिवार्य की गई है। हम दिल्ली की सड़कों की संरचना को भी मजबूत कर रहे हैं।
राष्ट्र प्रेस: चारपहिया वाहनों पर तो चर्चा होती रहती है, लेकिन दोपहिया और तिपहिया वाहनों के बारे में क्या कदम उठाए जा रहे हैं?
सिरसा: बिल्कुल, दोपहिया या तिपहिया को उनके वास्तविक प्रदूषण स्तर के आधार पर आंकना चाहिए, न कि केवल उम्र के आधार पर। कुछ दोपहिया वाहन केवल 5 साल में ही प्रदूषण फैलाने लगते हैं, जबकि कुछ चारपहिया 10 साल बाद भी ठीक रहते हैं। इसलिए मापदंड वाहन की उम्र नहीं, प्रदूषण होना चाहिए। हम पुराने स्कूटरों को इलेक्ट्रिक में बदलने के लिए इलेक्ट्रिक किट भी लाने की योजना बना रहे हैं, ताकि लोगों को नया वाहन खरीदने की आवश्यकता न पड़े।
राष्ट्र प्रेस: एयर कंडीशनर को भी प्रदूषण का बड़ा कारण माना जा रहा है। क्या सरकार इसके उपयोग को लेकर कोई नियम बना रही है?
सिरसा: वर्तमान में हम भारत सरकार के गैस उपयोग से संबंधित नियमों का पालन कर रहे हैं। लोग बिजली बिल के कारण स्वंय ही एसी का सीमित उपयोग करते हैं। लोग बिना सोच-समझे एसी नहीं चलाते, इसका उपयोग पहले से ही नियंत्रित है।
राष्ट्र प्रेस: दिल्ली में कितने रोहिंग्या और बांग्लादेशी हैं और इनके खिलाफ क्या कार्रवाई हो रही है?
सिरसा: अवैध घुसपैठियों, विशेषकर रोहिंग्या और बांग्लादेशियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है। उन्हें किसी भी कीमत पर दिल्ली में बसने नहीं दिया जाएगा। आप सरकार ने पहले इन्हें छूट दी थी, लेकिन हमारी प्राथमिकता दिल्ली की सुरक्षा है, आलोचना चाहे जो भी हो।
राष्ट्र प्रेस: 'आप' का आरोप है कि आपकी सरकार पूर्वांचली बस्तियों को निशाना बना रही है। क्या जवाब है?
सिरसा: 'आप' का यही तरीका है, झूठ बोलना इनकी मुख्य योग्यता है। 'आप' में शामिल होने के लिए दो चीजें जरूरी हैं: भ्रष्टाचार और झूठ बोलने की कला। ये लोगों को गुमराह करते हैं, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है।
राष्ट्र प्रेस: लुधियाना और सूरत जैसे क्षेत्रों में 'आप' की जीत को कैसे देखते हैं?
सिरसा: किसी व्यक्ति का चुनाव जीतना कोई बड़ी बात नहीं है। कभी-कभी अज्ञात पार्टियां भी एक-दो सीटें जीत जाती हैं। 'आप' की जीत विसावदर या लुधियाना वेस्ट में कोई बड़ा राजनीतिक संकेत नहीं है। जम्मू-कश्मीर में भी 'आप' का एक उम्मीदवार जीत गया था, इसमें कुछ असाधारण नहीं है।
राष्ट्र प्रेस: क्या अरविंद केजरीवाल का खालिस्तानी तत्वों से कोई संबंध है?
सिरसा: यह सर्वविदित है कि केजरीवाल को देशविरोधी तत्वों का समर्थन मिला है। खुद गुरपतवंत सिंह पन्नून ने कहा कि उसने केजरीवाल को करोड़ों रुपए दिए। केजरीवाल ने न तो इस बात का खंडन किया, न ही कोई स्पष्टीकरण दिया। पन्नून का बयान अपने आप में पर्याप्त है।
राष्ट्र प्रेस: अरविंद केजरीवाल दिल्ली में क्यों नहीं रह रहे? क्या गिरफ्तारी का डर है?
सिरसा: केजरीवाल सत्ता के बिना नहीं रह सकते। चूंकि पंजाब में 'आप' की सरकार है, वे वहीं रह रहे हैं। वहां की सुरक्षा, गाड़ी, हेलिकॉप्टर का आनंद ले रहे हैं। अगर उन्हें कोई सीधा फायदा न हो, तो उन्हें दिल्ली से कोई मतलब नहीं। उनका मकसद सेवा नहीं, सत्ता से चिपके रहना है।
राष्ट्र प्रेस: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के बंगले के नवीनीकरण की आलोचना हो रही है। आपकी राय?
सिरसा: इसमें आलोचना जैसी कोई बात नहीं है। वह प्रॉपर्टी पहले एलजी सचिवालय स्टाफ क्वार्टर थी। नवीनीकरण पर करीब 50–60 लाख रुपए खर्च हुए हैं, जो कि केजरीवाल की तुलना में बहुत कम है। उनके एक टॉयलेट की फिटिंग ही 50 लाख की थी और उनके कमरे के एक पर्दे की कीमत 1 करोड़ रुपए थी। उसके मुकाबले 50–60 लाख कुछ भी नहीं।
राष्ट्र प्रेस: सोशल मीडिया पर कहा जा रहा है कि आप किसी आलीशान बंगले में रहते हैं। क्या कहना चाहेंगे?
सिरसा: मैं अपने निजी घर में रहता हूं। मैंने कोई सरकारी बंगला नहीं लिया है। वे लोग सिर्फ रोहिंग्या और बांग्लादेशी मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए मुझे निशाना बना रहे हैं। मेरा घर मेरी मेहनत की कमाई से बना है। मैंने केजरीवाल की तरह जनता का पैसा नहीं लूटा।
राष्ट्र प्रेस: सौरभ भारद्वाज का दावा है कि उनके घर में गंदा पानी आ रहा है। इसकी जिम्मेदारी किसकी है?
सिरसा: जिम्मेदारी उन्हीं की है। वो 10 साल मंत्री रहे। अगर अब भी उनके घर में गंदा पानी आ रहा है, तो उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए।
राष्ट्र प्रेस: क्या आपकी सरकार ‘फ्रीबी मॉडल’ को जारी रखेगी या इसमें बदलाव होगा?
सिरसा: हम मुफ्त योजनाओं के अंधाधुंध चलन में विश्वास नहीं रखते। लेकिन जरूरतमंदों को आवश्यक सुविधाएं जैसे मुफ्त पानी, बिजली और महिलाओं को बस यात्रा की सुविधा मिलनी चाहिए। साथ ही हम बुनियादी ढांचे को भी मजबूत कर रहे हैं और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद कर रहे हैं, यही असली उद्देश्य है।