क्या आम पाकिस्तानी अपने देश की पुलिस को भ्रष्ट मानते हैं? : इंटरनेशनल सर्वे

Click to start listening
क्या आम पाकिस्तानी अपने देश की पुलिस को भ्रष्ट मानते हैं? : इंटरनेशनल सर्वे

सारांश

पाकिस्तान में पुलिस विभाग को सबसे अधिक भ्रष्ट माना गया है। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे में 24% लोगों ने इसे भ्रष्ट बताया। जानें इस सर्वे के अन्य महत्वपूर्ण पहलू।

Key Takeaways

  • पुलिस विभाग को सबसे अधिक भ्रष्ट माना गया है।
  • सर्वे में 4,000 लोगों ने हिस्सा लिया।
  • 77% लोगों को सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी कोशिशों पर भरोसा नहीं है।
  • सिंध में रिश्वत देने की प्रवृत्ति सबसे अधिक है।
  • भारत की तुलना में पाकिस्तान में भ्रष्टाचार की दर अधिक है।

इस्लामाबाद, 9 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के विभिन्न सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार की गहरी जड़ें फैली हुई हैं। इनमें से पुलिस विभाग सबसे अधिक भ्रष्ट माना जाता है। भ्रष्टाचार के मामले में दूसरा स्थान निविदा का है, उसके बाद प्रोक्योरमेंट सेक्टर का स्थान आता है, और न्यायपालिका चौथे नंबर पर है। इसका मतलब यह है कि सरकार के लगभग हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार का प्रभाव है, जिससे आम जनता को राहत मिलने की उम्मीद होती है। विभिन्न प्रांतों के निवासियों की सोच इन क्षेत्रों के प्रति बहुत सकारात्मक नहीं है।

ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल द्वारा मंगलवार को जारी सालाना सर्वे रिपोर्ट में यह महत्वपूर्ण जानकारी सामने आई। टीआई की एक प्रेस रिलीज के अनुसार, 'नेशनल करप्शन परसेप्शन सर्वे' का उद्देश्य आवश्यक गवर्नेंस मुद्दों पर जनता की धारणा को समझना था।

सर्वे में शामिल 4,000 लोगों (हर प्रांत से 1,000) में से 24 प्रतिशत ने माना कि पुलिस विभाग सबसे अधिक भ्रष्ट है, जिसमें पंजाब प्रांत सबसे आगे है। यहां 34 प्रतिशत लोगों ने माना कि सरकारी विभागों में भ्रष्टाचार व्याप्त है। इसके बाद बलूचिस्तान में 22 प्रतिशत, सिंध में 21 प्रतिशत और खैबर पख्तूनख्वा में 20 प्रतिशत लोग शामिल हैं।

पुलिस के बाद टेंडर और प्रोक्योरमेंट (खरीद) सेक्टर का स्थान है, जहां 16 प्रतिशत लोगों ने माना कि ये क्षेत्र भ्रष्ट हैं। बलूचिस्तान में 23 प्रतिशत, केपी में 18 प्रतिशत, सिंध में 14 प्रतिशत और पंजाब में 9 प्रतिशत लोगों का कहना था कि इन सेक्टरों में भ्रष्टाचार का बोलबाला है।

प्रेस रिलीज के अनुसार, सर्वे से यह भी सामने आया कि लगभग 77 प्रतिशत लोगों को सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी कोशिशों पर भरोसा नहीं है। वे इसके प्रति “कम संतुष्ट” नजर आए।

सार्वजनिक सेवा प्राप्त करने के लिए सबसे अधिक रिश्वत सिंध में दर्ज की गई, जहां 46 प्रतिशत लोगों ने रिश्वत देने के लिए मजबूर महसूस किया। पंजाब में यह संख्या 39 प्रतिशत और केपी में 20 प्रतिशत थी।

नतीजों से स्पष्ट हुआ कि जवाबदेही की कमी, पारदर्शिता और जानकारी तक सीमित पहुंच, और भ्रष्टाचार के मामलों को निपटाने में देरी देश में भ्रष्टाचार के “बड़े कारण” थे।

सीपीआई (करप्शन परसेप्शन इंडेक्स) 2024 रिपोर्ट के अनुसार, भारत का हाल पाकिस्तान से बेहतर है। इस सूचकांक में भारत 180 देशों की सूची में 96वें स्थान पर है जबकि इसका स्कोर 38 है, जिससे यह समझा जा सकता है कि भारत में भ्रष्टाचार की दर मध्यम स्तर की है। वहीं पाकिस्तान 180 में 135वें पायदान पर है और इसका स्कोर 27 है, जिससे स्पष्ट है कि भारत की तुलना में पाकिस्तान अधिक भ्रष्ट माना जाता है।

Point of View

हमें यह समझना चाहिए कि भ्रष्टाचार केवल एक समस्या नहीं है बल्कि यह एक सामाजिक मुद्दा है। हमें मिलकर इसे खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। हर नागरिक को जिम्मेदार बनना होगा और हर क्षेत्र में पारदर्शिता लानी होगी।
NationPress
09/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या पाकिस्तान में पुलिस विभाग सबसे भ्रष्ट है?
हाँ, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के सर्वे के अनुसार, 24% लोगों ने पुलिस विभाग को सबसे अधिक भ्रष्ट माना है।
सर्वे में अन्य कौन से विभाग भ्रष्ट पाए गए?
सर्वे में निविदा, प्रोक्योरमेंट और न्यायपालिका को भी भ्रष्ट पाया गया है।
क्या सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी कोशिशें सफल हैं?
सर्वे के अनुसार, 77% लोगों को सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी कोशिशों पर भरोसा नहीं है।
पाकिस्तान में रिश्वत देने की प्रवृत्ति कितनी है?
रिश्वत देने की प्रवृत्ति सबसे अधिक सिंध में पाई गई, जहां 46% लोगों ने रिश्वत देने के लिए मजबूर महसूस किया।
भारत और पाकिस्तान की भ्रष्टाचार दर में क्या अंतर है?
भारत 96वें स्थान पर है जबकि पाकिस्तान 135वें स्थान पर है, जो दर्शाता है कि पाकिस्तान में भ्रष्टाचार की दर अधिक है।
Nation Press