क्या एआई का सही उपयोग भारत को वैश्विक नेता बना सकता है? : उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

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क्या एआई का सही उपयोग भारत को वैश्विक नेता बना सकता है? : उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन

सारांश

उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने एआई पर एक महत्वपूर्ण सम्मेलन में भाग लिया। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही उपयोग भारत को वैश्विक नेता बना सकता है। भारत का युवा जनसंख्या लाभ इसे एआई में एक अग्रणी देश बना सकता है।

Key Takeaways

  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही उपयोग भारत को वैश्विक नेता बना सकता है।
  • युवा जनसंख्या का सही उपयोग एआई में भारत की स्थिति मजबूत करेगा।
  • आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को शिक्षा में शामिल करना आवश्यक है।
  • प्रौद्योगिकी विकास में सकारात्मक दृष्टिकोण आवश्यक है।
  • भारत की जिम्मेदारी है कि तकनीक का रचनात्मक उपयोग करें।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने मंगलवार को नई दिल्ली के डॉ. अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय द्वारा ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन के सहयोग से आयोजित फ्लैगशिप राष्ट्रीय सम्मेलन 'एआई इवोल्यूशन - एआई का महाकुंभ' में भाग लिया।

अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस अब भविष्य का एक विचार नहीं बल्कि आज की एक वास्तविकता है। यह हेल्थकेयर, जलवायु मॉडलिंग, प्रशासन, शिक्षा, वित्त और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों को प्रभावित कर रही है और समाज के विकास के साथ-साथ लोगों के जीवन और काम करने के तरीके को बदल रही है।

उन्होंने कहा कि आधुनिक वैज्ञानिक और तकनीकी विकास की नकारात्मक सोच रखने की आवश्यकता नहीं है। कंप्यूटर का उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि इसके शुरूआत में भी इसका विरोध हुआ था, लेकिन बाद में इसी तकनीक ने दुनिया को नया रूप दिया। हर तकनीकी प्रगति के सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पहलू होते हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि तकनीक का सही और रचनात्मक उपयोग किया जाए।

उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी देशों में शामिल हो चुका है। दुनिया तेजी से बदल रही है और भारत को इस दौड़ में विकसित देशों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना चाहिए, ताकि वह पीछे न रह जाए।

उन्होंने एआई पाठ्यक्रम के लॉन्च पर खुशी जताई और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को स्कूलों और कॉलेजों के पाठ्यक्रम का जरूरी हिस्सा बनाया जाना चाहिए। एआई की प्रारंभिक समझ से छात्रों में सोचने की क्षमता, समस्या सुलझाने का कौशल और तकनीक आधारित भविष्य के लिए आवश्यक दक्षताएं विकसित होंगी।

उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में बताया कि देश की लगभग 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष से कम उम्र की है। यदि इस जनसांख्यिकीय लाभ का सही उपयोग किया जाए, तो यह भारत को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में दुनिया का अग्रणी देश बना सकता है।

उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर, समावेशी और तकनीक से मजबूत 'विकसित भारत - 2047' की यात्रा में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

उपराष्ट्रपति ने विश्वास जताया कि भारत अपनी प्रतिभा, दृष्टि और मूल्यों के साथ न केवल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जिम्मेदारी से अपनाएगा, बल्कि दुनिया को भविष्य की दिशा भी दिखाएगा।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सही उपयोग भारत को एक नई दिशा दे सकता है। युवा जनसंख्या के लाभ का पूरा उपयोग करना आवश्यक है, ताकि हम वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सकें।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्या महत्व है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का महत्व इसलिए है क्योंकि यह विभिन्न क्षेत्रों में दक्षता और नवाचार लाता है।
भारत एआई में कैसे अग्रणी हो सकता है?
भारत अपनी युवा जनसंख्या और तकनीकी विकास के माध्यम से एआई में अग्रणी हो सकता है।
क्या एआई शिक्षा के क्षेत्र में उपयोगी है?
हाँ, एआई शिक्षा के क्षेत्र में छात्रों की सोचने की क्षमता और समस्या सुलझाने के कौशल को बढ़ाने में मदद कर सकता है।
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