क्या एआईएडीएमके में बेचैनी का माहौल है? वरिष्ठ नेता सेनगोट्टैयन ने किया अपना रुख स्पष्ट

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क्या एआईएडीएमके में बेचैनी का माहौल है? वरिष्ठ नेता सेनगोट्टैयन ने किया अपना रुख स्पष्ट

सारांश

क्या एआईएडीएमके में बेचैनी का माहौल है? वरिष्ठ नेता सेनगोट्टैयन ने शुक्रवार को अपने विचार साझा करने का निर्णय लिया है। क्या यह पार्टी के भीतर असंतोष को दर्शाता है? जानें इस रिपोर्ट में जो नए मोड़ को उजागर करती है।

Key Takeaways

  • सेंगोट्टैयन ने 5 सितंबर को विचार साझा करने का निर्णय लिया है।
  • पार्टी में असंतोष के संकेत मिल रहे हैं।
  • पलानीस्वामी का नेतृत्व मजबूत हो रहा है।
  • पार्टी की एकता पर सवाल उठ रहे हैं।
  • 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी जारी है।

चेन्नई, 2 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। एआईएडीएमके में बेचैनी के नए संकेतों के बीच, वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के. ए. सेंगोट्टैयन ने मंगलवार को बताया कि वह शुक्रवार को सार्वजनिक रूप से अपने विचार साझा करेंगे।

इरोड में अपने समर्थकों के साथ बैठक के बाद, सेंगोट्टैयन ने पत्रकारों को बताया कि वह 5 सितंबर को गोबिचेट्टीपलायम स्थित अन्नाद्रमुक कार्यालय में "अपनी बात कहेंगे"।

जब मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या पार्टी नेतृत्व के प्रति उनका असंतोष फिर से उभर आया है, तो गोबिचेट्टीपलायम के विधायक ने कहा, "तब तक, हर कोई मेरे विचार जान सकता है।"

यह बयान पार्टी के भीतर हाल के तनाव के संदर्भ में आया है।

सेंगोट्टैयन ने पिछले महीने अन्नाद्रमुक के संस्थापक नेताओं के प्रति अपनी नाराजगी स्पष्ट की थी।

एक कार्यक्रम में, अथिकादावु-अविनाशी योजना के कार्यान्वयन के लिए पार्टी महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी को सम्मानित किया गया था, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्रियों एम.जी. रामचंद्रन और जे. जयललिता की तस्वीरें गायब थीं।

सेंगोट्टैयन ने इसे अन्नाद्रमुक की वैचारिक जड़ों की अवहेलना माना।

विरोध स्वरूप, उन्होंने इस समारोह में भाग नहीं लिया, जिससे पार्टी में दरार की अटकलें तेज हो गईं। लेकिन बाद में उन्होंने पलानीस्वामी की प्रशंसा की, जिससे पर्यवेक्षकों को हैरानी हुई।

मंगलवार की टिप्पणियों से यह संकेत मिलता है कि यह मुद्दा अभी भी हल नहीं हुआ है और सेनगोट्टैयन 5 सितंबर की बैठक का उपयोग पार्टी के भीतर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए कर सकते हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि इस बयान का बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि सेनगोट्टैयन का पश्चिमी तमिलनाडु और कार्यकर्ताओं पर प्रभाव बना हुआ है।

महासचिव के रूप में पलानीस्वामी ने अपने नेतृत्व को मजबूत किया है, लेकिन सेनगोट्टैयन जैसे अनुभवी नेता से मतभेद आंतरिक एकता की परीक्षा साबित हो सकते हैं, खासकर जब अन्नाद्रमुक 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही है।

Point of View

यह देखना जरूरी है कि एआईएडीएमके में आंतरिक मतभेद न केवल पार्टी की एकता को प्रभावित कर सकते हैं, बल्कि 2026 के विधानसभा चुनावों में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। यह समय है जब पार्टी को अपनी रणनीतियों पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
NationPress
02/09/2025

Frequently Asked Questions

के. ए. सेंगोट्टैयन कब अपने विचार साझा करेंगे?
वे 5 सितंबर को अपने विचार साझा करेंगे।
सेंगोट्टैयन का असंतोष किस कारण से है?
उनका असंतोष अन्नाद्रमुक के संस्थापक नेताओं के प्रति अपमान और पार्टी की मूल विरासत के प्रति अवहेलना से जुड़ा है।
क्या सेनगोट्टैयन ने पलानीस्वामी की प्रशंसा की है?
हाँ, उन्होंने हाल ही में पलानीस्वामी की प्रशंसा की है।
इस मुद्दे का पार्टी पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
यह पार्टी की आंतरिक एकता को प्रभावित कर सकता है।
क्या पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए तैयारी कर रही है?
हाँ, पार्टी 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए अपनी संगठनात्मक मशीनरी तैयार कर रही है।