क्या अखिलेश यादव ने अनुज चौधरी को प्रमोशन दिया था? आजम खान का खुलासा
 
                                सारांश
Key Takeaways
- अनुज चौधरी को प्रमोशन देने का निर्णय अखिलेश यादव के समय में हुआ था।
- आजम खान ने पार्टी से मदद मांगने से इंकार किया।
- आजम खान ने अपनी जेल यात्रा का अनुभव साझा किया।
रामपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख नेता आजम खान ने यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी अनुज चौधरी को सपा सरकार में प्रमोशन देने की जानकारी साझा की। उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव जब प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब उन्हें प्रमोशन दिया गया था।
राष्ट्र प्रेस से बातचीत में आजम खान ने कहा कि जिस वीडियो के बारे में कहा गया कि मैंने अनुज चौधरी से कुछ कहा, वह गलत है। उनके साथ मैंने कुछ नहीं किया। अखिलेश यादव ने उन्हें प्रमोट किया, क्योंकि वे पहलवानी में मेडल जीतकर आए थे। यह आवश्यक नहीं था, लेकिन उन्होंने ऐसा किया। यह अनुज चौधरी का भाग्य था।
एक घटना का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मैं उस दिन अपने पार्टी ऑफिस जा रहा था, जो सील कर दिया गया था। रास्ते में पुलिस आम लोगों को रोक रही थी, जबकि वहां धारा 144 लागू नहीं थी। बैरिकेड लगाकर लोगों को रोका जा रहा था। मुझे यह उचित नहीं लगा। लोगों की आजादी पर कोई हमला नहीं होना चाहिए, लेकिन ऐसा हो रहा था। मैंने बस कहा कि आप क्या कर रहे हैं? इस प्रकार आप सरकार को बदनाम कर रहे हैं। इससे सरकार की छवि को नुकसान हो रहा है, जिसकी आप सैलरी लेते हैं। उन्होंने कुछ जवाब दिए, जो उनके अंदाज में थे। उसी व्यक्ति ने मुझसे पूछा था कि यदि आपके शरीर पर रंग लग जाए तो क्या आप उसे काटकर फेंक देंगे? मैंने उन्हें याद दिलाया कि हमारी सरकार ने उन्हें क्या दिया था। मेरी तरफ से यह बदसलूकी नहीं थी, मैं बस उन्हें याद दिलाना चाहता था।
जब आजम खान से पूछा गया कि क्या वह मुकदमे की फीस और पेनाल्टी के लिए पार्टी से मदद मांगेंगे, तो उन्होंने कहा, 'क्या मेरी गैरत यह अनुमति देती है? मुझसे यह नहीं हो सकता। लोग ईमान का सौदा कर लेते हैं, लेकिन हमसे ऐसा नहीं होगा।'
उन्होंने भविष्य के बारे में कहा कि यदि मैंने संन्यास ले लिया होता, तो क्या आप लोग आते? आप तो केवल यह देखने आते हैं कि बुझा हुआ चिराग किसके पास जाने की जरूरत है। चिराग में लौ कितनी है? हां, चिरागों का जलना अब मेरे हाथ में नहीं है। मैं रोशन होने के लिए तैयार हूं।
आजम खान ने अपने जीवन को एक किताब की तरह बताते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान हमें जमीन के नीचे की कोठरी में रखा गया, जिसमें अपराधियों को रखा जाता था। हमें वहां रखा गया। हमें उम्मीद है कि हमें न्याय मिलेगा। समय लग सकता है, लेकिन हम सभी मुकदमों से बरी होंगे।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            