क्या अमेरिका एक मानक मॉडल है? भारत एसओपी के अनुसार निर्णय लेगा: प्रफुल्ल बख्शी
सारांश
Key Takeaways
- प्रफुल्ल बख्शी ने अमेरिका के मॉडल का विरोध किया है।
- भारत को अपनी एसओपी के अनुसार निर्णय लेना चाहिए।
- मिलिट्री ऑपरेशन का लाइव टेलीकास्ट करना उचित नहीं है।
नई दिल्ली, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा 'ऑपरेशन सिंदूर' पर दिए गए बयान पर विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी (सेवानिवृत्त) ने अपनी नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि जिन लोगों को सेना की जानकारी है, उनके बयान पर मैं क्या कह सकता हूँ?
विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी (सेवानिवृत्त) ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि क्या हम वही करेंगे जो अमेरिका करेगा? अमेरिका ने न्यूक्लियर बमअफगानिस्तान और इराक पर हमला किया, क्या हमने ऐसा किया है?
उन्होंने कहा कि अमेरिका हमारा कोई मानक मॉडल नहीं है। हम उसकी नीतियों का अनुसरण नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि क्या मिलिट्री ऑपरेशन को दुनिया को दिखाया जाएगा, केवल वोट के लिए? ऐसी मिलिट्री नहीं चलती है, बल्कि ऐसे डेमोक्रेटिक ऑफिस चलते हैं। सेना का कार्य है देश की रक्षा करना और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करना। हमारी सेना कमाई के लिए नहीं है।
विंग कमांडर प्रफुल्ल बख्शी (सेवानिवृत्त) ने बिना नाम लिए कहा कि जिस नेता ने भी यह बयान दिया है, वह उचित नहीं है। अमेरिका के लोग यह दिखाना चाहते थे कि हमने आतंकवादी को उसके घर में घुसकर मारा है। सब जानते थे कि उसने ही उसे पाला था। भारत वही करेगा तो हमारी एसओपी होगी। मिलिट्री की एसओपी से बड़ी कोई एसओपी नहीं होती है।
उन्होंने कहा कि अगर कोई ऑपरेशन होगा तो क्या आप उसका लाइव टेलीकास्ट करोगे? इसके जरिए आप सभी स्थान और तैयारी सबको दिखा दोगे? अमेरिका ने ऐसा केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए किया था। उस समय उसका कोई दुश्मन नहीं था। वह केवल ओसामा को मार रहे थे, न कि पाकिस्तान के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे थे।
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान किसी देश के साथ लड़ाई लड़ रहा होता तो क्या वह लाइव स्ट्रीम करके दिखाता? फिर देखिए क्या तमाशा होता है। केवल मिलिट्री की ट्रेनिंग लेने वाला ही इस बात को समझ सकता है।
बता दें कि कांग्रेस नेता सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि मेरा मानना है कि भारत को अमेरिका की तरह एक लाइव मिशन लागू करना चाहिए था। मुझे यह भी लगता है कि हमारे नागरिकों को यह जानने का अधिकार है कि भारत ने कितने आतंकवादियों को मार गिराया है।