क्या दवाइयों पर 100 फीसद टैरिफ लगाना अमेरिका का भारत को धमकी देने जैसा है? : शाइना एनसी

सारांश
Key Takeaways
- भारत की स्थिति मजबूत
- टैरिफ का प्रभाव स्वास्थ्य क्षेत्र पर
- अमेरिका की गलतफहमी
- आत्मनिर्भरता का महत्व
- आतंकवाद पर पाकिस्तानी बयानों की आलोचना
मुंबई, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना नेता शाइना एनसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा दवाइयों पर 100 फीसद टैरिफ लगाने के कदम को धमकी के रूप में पेश किया है।
शाइना एनसी ने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि वर्तमान में भारत की स्थिति बहुत मजबूत है। भारत आज हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। अमेरिकी राष्ट्रपति चाहे जितने भी पैंतरे करें, लेकिन अंततः उन्हें भारत की ओर लौटना होगा। आज हर कोई भारत की शक्ति से परिचित है।
उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति को अपने कदमों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। दवाइयों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाकर उन्होंने हेल्थ सेक्टर में भूचाल लाने का प्रयास किया है। भारत के पास दवाओं के लिए अमेरिका के अलावा अन्य स्रोत भी हैं। ऐसी स्थिति में अमेरिका को अपनी गलतफहमी से बाहर निकलना चाहिए कि वह इस तरह से भारत पर कोई मनोवैज्ञानिक दबाव बना सकता है।
शाइना एनसी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति की यह नीति कारगर नहीं होगी। यदि अमेरिकी राष्ट्रपति को लगता है कि वह इस कदम से भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना पाएंगे, तो यह उनकी एक गलतफहमी है।
उन्होंने कहा कि यह लोगों के स्वास्थ्य का सवाल है। इस परिस्थिति में मेरी अमेरिकी राष्ट्रपति से अपील है कि वे ऐसा करके किसी के लिए चुनौतियाँ पैदा न करें। यह बिल्कुल भी उचित नहीं है। डोनाल्ड ट्रंप ऐसा करके न केवल भारत के साथ अपने रिश्ते खराब कर रहे हैं, बल्कि भारत को धमकी भी दे रहे हैं, जिसका परिणाम आने वाले समय में खराब होगा। मुझे लगता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के इस कदम को किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए।
इसके अलावा, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के उस बयान पर भी निशाना साधा, जिसमें उन्होंने कहा था कि आज आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा बन चुका है।
शाइना एनसी ने कहा कि शहबाज शरीफ का खुलेआम आतंकवाद की आलोचना करना समझ से परे है। पाकिस्तान को पहले अपने गिरेबान में झांकने की आवश्यकता है। उसे यह समझना होगा कि उसे यहाँ से आतंकियों को कैसे तैयार किया जाता है। आज पाकिस्तान आतंकवादियों की जन्मस्थली बन चुका है। ऐसे में आतंकवाद पर किसी भी प्रकार के बयान देना पाकिस्तानी आतंकवाद की आलोचना करना शोभनीय नहीं है। वे अंतरराष्ट्रीय मंच पर विक्टिम कार्ड खेलते हैं। मुझे लगता है कि जो देश आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं, उन्हें नजरअंदाज करना आवश्यक है।