क्या अरविंद केजरीवाल ने एक एकड़ में सरकारी बंगला लिया?

Click to start listening
क्या अरविंद केजरीवाल ने एक एकड़ में सरकारी बंगला लिया?

सारांश

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने अरविंद केजरीवाल के नए सरकारी बंगले के बारे में कहा है कि यह उनके राजनीतिक आदर्शों के खिलाफ है। क्या यह कदम उनकी पार्टी को नुकसान पहुंचाएगा?

Key Takeaways

  • अरविंद केजरीवाल ने एक एकड़ का सरकारी बंगला लिया।
  • यह कदम उनके पहले के वादों का उल्लंघन है।
  • दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
  • यह कदम आम आदमी पार्टी की राजनीतिक छवि को प्रभावित कर सकता है।
  • दिल्ली की जनता का मानना है कि यह कदम उनके आदर्शों के खिलाफ है।

नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि दिल्ली और देश की जनता ने आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल को अपने इंडिया अगेंस्ट करप्शन आंदोलन और 2013 के विधानसभा चुनाव के दौरान दिखाए गए राजनीतिक आदर्शों को पूरी तरह से छोड़ते हुए देखा है।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार में लिप्त आप सरकार को ही नहीं, बल्कि खुद अरविंद केजरीवाल को भी चुनाव हारकर दिल्ली की जनता ने सत्ता से बेदखल कर दिया। शराब घोटाले सहित अनेक घोटालों ने अरविंद केजरीवाल सरकार की हार की पृष्ठभूमि तैयार की, लेकिन इसमें सबसे बड़ी भूमिका केजरीवाल द्वारा कोविड काल में अनैतिक रूप से बनाए गए शीशमहल बंगले की रही।

शीशमहल के निर्माण और शराब घोटाले ने जनता के सामने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या यह वही अरविंद केजरीवाल हैं, जिन्होंने 2013 के चुनाव से पहले एफिडेविट देकर वादा किया था कि सत्ता में आने पर न तो बंगला लेंगे और न ही गाड़ी। उन्होंने कहा था कि जिस विधायक या मंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगेगा, उसे विधानसभा से बाहर कर देंगे।

8 फरवरी 2025 को केजरीवाल को दिल्ली की सत्ता से बेदखल करने के बाद, विडंबना यह है कि मुख्यमंत्री के नाते हथियाए गए शीशमहल से बेदखल होने के ठीक आठ महीने बाद, उन्होंने 7 अक्टूबर को 'आप' के मुखिया होने का दांव चलते हुए दिल्ली के सबसे बड़े बंगलों में से एक 95 लोधी एस्टेट खुद को आवंटित करवा लिया।

दिल्ली की जनता द्वारा शीशमहल से निकाले जाने के बाद अरविंद केजरीवाल ने आखिरकार एक एकड़ का सरकारी बंगला लेकर अपनी हठधर्मी को पूरा कर लिया, लेकिन उन्होंने जनता की नजर में अपनी बचीखुची राजनीतिक साख भी खो दी है।

दिल्ली और देश की जनता यह देखकर स्तब्ध है कि जो केजरीवाल 2013 में एफिडेविट देकर सरकारी घर न लेने का वादा करते थे, वे आज बंगले के लिए इतने दिवाने हो गए कि न्यायालय में 'आप' मुखिया होने का एफिडेविट देकर एकड़ से भी बड़ा बंगला ले लिया।

वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि शीशमहल ने केजरीवाल को दिल्ली की सत्ता से बेदखल करवाया और 95 लोधी एस्टेट जैसा बड़ा बंगला लेना उनकी पार्टी के राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा खोने का कारण बनेगा।

Point of View

यह घटना दर्शाती है कि राजनीतिक आदर्शों और वास्तविकताओं के बीच का अंतर कैसे बढ़ता है। अरविंद केजरीवाल का यह कदम जनता की अपेक्षाओं के विपरीत है और इससे उनकी राजनीतिक साख पर असर पड़ सकता है।
NationPress
07/10/2025

Frequently Asked Questions

अरविंद केजरीवाल ने नया बंगला क्यों लिया?
केजरीवाल ने यह बंगला लेने का निर्णय अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए लिया, लेकिन यह उनके पूर्व के वादों का उल्लंघन है।
क्या यह कदम उनकी पार्टी के लिए हानिकारक होगा?
विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय दर्जे को प्रभावित कर सकता है।
दिल्ली की जनता की प्रतिक्रिया क्या है?
दिल्ली की जनता इस कदम से स्तब्ध है और इसे उनके आदर्शों के खिलाफ मान रही है।