क्या अशोक गहलोत को कांग्रेस कार्यकाल के घोटालों पर जवाब देना चाहिए? : जोगाराम पटेल

सारांश
Key Takeaways
- जोगाराम पटेल का विपक्षी नेताओं पर तीखा हमला।
- कांग्रेस नेताओं को घोटालों पर जवाब देना चाहिए।
- भाजपा सरकार ने राज्य में विकास की बात कही।
- महिलाओं की सुरक्षा पर ममता बनर्जी के बयान की निंदा।
- आईआरसीटीसी मामले में आरोप तय होने से लालू परिवार की स्थिति पर सवाल।
जयपुर, 14 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान के कानून मंत्री और संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने मंगलवार को विपक्ष के नेताओं के बयानों पर जोरदार प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को अपने कार्यकाल के दौरान हुए घोटालों का जवाब देना आवश्यक है।
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली के हालिया बयानों पर जोगाराम पटेल ने कहा, "देश के गृह मंत्री अमित शाह का सार्वजनिक मंच पर यह कहना कि 7 लाख करोड़ रुपए के एमओयू धरातल पर उतर चुके हैं, इस पर किसी को संदेह नहीं होना चाहिए। राजस्थान में निवेश और विकास की बाढ़ आ गई है, लेकिन विपक्षी नेता इसे नकारने की कोशिश कर रहे हैं। गहलोत साहब को अपनी सरकार के घोटालों पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, न कि केंद्र की उपलब्धियों पर सवाल उठाना चाहिए।"
उन्होंने जूली के बयान को 'राजनीतिक बकवास' बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने राज्य को नई ऊंचाइयों पर पहुँचाया है, जहाँ रोजगार और उद्योगों का विकास हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनावों में जनता भाजपा को फिर से जीत दिलाएगी।
आईआरसीटीसी घोटाले में दिल्ली कोर्ट द्वारा लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार, आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के आरोप तय होने के बाद, पटेल ने लालू परिवार को कटघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा, "लालू यादव और उनका परिवार कई मामलों में पहले भी शामिल रहा है। अब आईआरसीटीसी का मामला सामने आया है। जंगलराज किसने चलाया, घोटाले कौन करता है, यह सबको अब समझ में आ गया होगा। बिहार की जनता को सुशासन केवल भाजपा-एनडीए ही दे सकती है, और चुनाव में ये साबित भी होगा।"
पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर रेप मामले में ममता बनर्जी के कथित बयान, 'लड़कियों को रात में बाहर नहीं निकलना चाहिए', पर पटेल ने कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री का यह बयान निंदनीय है। उन्हें इस तरह के बयानों के बजाय महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। ममता सरकार राज्य में अपराधियों को संरक्षण दे रही है, जबकि पीएम मोदी नारी शक्ति वंदन अधिनियम जैसे कदम उठा रहे हैं। यह बयान पीड़िताओं को दोषी ठहराने जैसा है, जो बेहद असंवेदनशील है।"