क्या बांग्लादेश में भारत सरकार को सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए? : आनंद दुबे
सारांश
Key Takeaways
- बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार की चिंता।
- आनंद दुबे ने सरकार से कार्रवाई की अपील की।
- राजनीतिक बयानबाजी में प्रियंका गांधी का जिक्र।
- नवनीत राणा की आलोचना।
- शिवसेना का हिन्दू सुरक्षा पर जोर।
मुंबई, 24 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने केंद्र सरकार से अपील की है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों को देखते हुए, अब समय आ गया है कि भारत को वहां सर्जिकल स्ट्राइक करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत में रहने वाले हिन्दुओं में गहरी नाराजगी है और जो लोग हिन्दुओं को टारगेट कर मार रहे हैं, उन्हें सजा मिलनी चाहिए।
आनंद दुबे का यह बयान उस समय आया है जब कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रियंका गांधी वाड्रा को प्रधानमंत्री बनाने की बात कही। दुबे ने राष्ट्र प्रेस से चर्चा में कहा कि इमरान मसूद का बयान केवल प्रियंका गांधी की तारीफ करने का एक तरीका है। 2029 से पहले कोई लोकसभा चुनाव नहीं होने वाले हैं, तो प्रियंका गांधी उस समय प्रधानमंत्री कैसे बन सकती हैं? उनके बयान सिर्फ व्यक्तिगत प्रशंसा हैं और कुछ नहीं। बांग्लादेश में जो हो रहा है, उस पर भारत सरकार को भी आवाज उठानी चाहिए। वहां हिन्दुओं पर अत्याचार हो रहा है, और सर्जिकल स्ट्राइक की आवश्यकता है। प्रियंका गांधी को खुश करने के लिए ऐसे बयान दिए जाते हैं। यह केवल कल्पना की बात है।
भाजपा नेता नवनीत राणा के बयान पर दुबे ने कहा कि नवनीत राणा को हिन्दुओं का सच्चा प्रतिनिधि नहीं माना जा सकता। हिन्दू समाज सहनशील है और सही-गलत की पहचान रखता है। आज के हिन्दू परिवारों में एक या दो बच्चे होना सामान्य है, और सभी इसे समझते हैं। नवनीत राणा हिन्दू मूल्यों को नहीं दर्शातीं। 20 से 25 बच्चे होना विज्ञान के तर्कों से भी मेल नहीं खाता। ऐसे लोग केवल राजनीति कर रहे हैं।
एलडीएफ पार्षद पर उन्होंने कहा कि जो राम का नहीं, वह किसी काम का नहीं। जो देश का नहीं, वह किसी काम का नहीं। अगर कोई 'जय हिंद, भारत माता की जय' नहीं कह सकता, तो वह इस देश में नहीं रह सकता। पाकिस्तान-बांग्लादेश चले जाओ। यह व्यवस्था शिवसेना (यूबीटी) कर देगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चौहान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। उन्होंने क्या सोचकर कहा, यह समझ से बाहर है। बहुत कुछ बदल जाना चाहिए था, लेकिन लोगों का गुस्सा और बढ़ गया है। ऐसे कई नेता हैं, जो कांग्रेस की नाव डूबाने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस को पता नहीं किस मजबूरी में है, और क्यों नहीं हटाती उन्हें।