क्या बंगाल सरकार बीएसएफ को जमीन देने में आनाकानी कर रही है? अमित शाह ने उठाए गंभीर सवाल
सारांश
Key Takeaways
- केंद्रीय गृह मंत्री ने पश्चिम बंगाल सरकार पर बीएसएफ को जमीन न देने का आरोप लगाया।
- घुसपैठ रोकने के लिए कंटीली बाड़ आवश्यक है।
- मतुआ समुदाय के नागरिकता अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
- राज्य की जनसांख्यिकी पर घुसपैठ का असर है।
- पश्चिम बंगाल सरकार की जिम्मेदारियों पर सवाल उठे हैं।
कोलकाता, 30 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल सरकार पर आरोप लगाया कि वह बीएसएफ को कंटीली बाड़ लगाने के लिए आवश्यक जमीन नहीं दे रही है। शाह ने कहा कि उन्होंने बांग्लादेश से जुड़ी अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर घुसपैठ रोकने के लिए बीएसएफ को जमीन मुहैया कराने के लिए सीएम ममता बनर्जी को सात पत्र भेजे, लेकिन उन्होंने इन पत्रों को नजरअंदाज कर दिया।
कोलकाता में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, "मैंने बीएसएफ को जमीन देने के मुद्दे पर मुख्यमंत्री को सात चिट्ठियां भेजी हैं। इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर पश्चिम बंगाल में तीन सेक्रेटरी-लेवल की मीटिंग्स हुई हैं। इसके बावजूद पश्चिम बंगाल सरकार कंटीली बाड़ लगाने के लिए जमीन देने में संकोच क्यों कर रही है।"
उन्होंने कहा कि अब बीएसएफ पर अवैध घुसपैठ रोकने में असफल रहने का आरोप लग रहा है। मेरा प्रश्न यह है कि सही कंटीली बाड़ के बिना बीएसएफ सीमाओं पर प्रभावी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित कर सकती है?
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, "मैं यह सुनिश्चित करना चाहता हूं कि भाजपा किसी भी हालत में उस राजनीतिक पार्टी के साथ समझौता नहीं करेगी, जो अवैध घुसपैठ को बढ़ावा देती है और अपने स्थायी वोट बैंक को बचाने के लिए घुसपैठियों को संरक्षण देती है। घुसपैठ एक गंभीर समस्या है, क्योंकि इससे राज्य की जनसांख्यिकी में परिवर्तन हो रहा है। जब तक घुसपैठ को नहीं रोका जाता, तब तक पश्चिम बंगाल के लोगों की समस्याएं कई गुना बढ़ जाएंगी।"
उन्होंने पश्चिम बंगाल सरकार पर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक जैसे वरिष्ठ अधिकारियों की नियुक्ति के समय केंद्रीय सेवा अधिकारियों के नियमों को कमजोर करने का आरोप भी लगाया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मतुआ समुदाय को आश्वासन दिया कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने वाले व्यक्तियों के वोटिंग अधिकार सुरक्षित रहेंगे।
उन्होंने कहा, "मतुआ समुदाय के लोगों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। भारत आए हर शरणार्थी को नागरिक माना जाएगा। यह बीजेपी का वादा है। कोई भी उन्हें नुकसान नहीं पहुंचा सकता। ममता बनर्जी भी नहीं।"
उन्होंने कहा कि घुसपैठियों के खिलाफ अभियान के साथ-साथ शरणार्थियों की सुरक्षा जारी रहेगी।