क्या भारत अगली औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व कर सकता है? : नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी

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क्या भारत अगली औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व कर सकता है? : नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी

सारांश

क्या भारत अगली औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व कर सकता है? नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने इस पर जोर दिया है कि अगले चरण में ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी और अन्य क्षेत्रों में भारत को विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

Key Takeaways

  • भारत को अगली औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करना चाहिए।
  • गुणवत्ता मानकों और स्किल इकोसिस्टम का विकास आवश्यक है।
  • क्षेत्रीय इंडस्ट्रियल क्लस्टर का निर्माण किया जाना चाहिए।
  • छोटे उद्यमों को ग्लोबल नेटवर्क में इंटीग्रेट करने की जरूरत है।
  • रोजगार और उच्च आय के अवसरों का सृजन होगा।

नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नीति आयोग के उपाध्यक्ष सुमन बेरी ने बुधवार को बताया कि अगली औद्योगिक क्रांति ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, सेमीकंडक्टर और एडवांस मटेरियल जैसे क्षेत्रों से आकार लेगी और इसका नेतृत्व भारत को करना चाहिए।

आईएसआईडी द्वारा आयोजित एक सम्मेलन में बेरी ने कहा कि भारत को औद्योगिक उत्थान के लिए चीन के उदाहरण से सीखना चाहिए और एक विशेष मार्ग तैयार करना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि भारत की औद्योगिक नीति के अगले चरण में समावेशन और अनुकूलनशीलता पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता होगी।

बेरी ने जोर देते हुए कहा कि सुधारों के अगले चरण में मजबूत सप्लाई चेन, गुणवत्ता मानकों और स्किल इकोसिस्टम के विकास को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, ताकि छोटे उद्यमों को विस्तार करने और ग्लोबल प्रोडक्शन नेटवर्क में इंटीग्रेट करने का मौका मिले।

उन्होंने कहा कि भारत की औद्योगिक रणनीति का अगला चरण राज्य और जिला-प्रधान होना चाहिए, जिसमें क्षेत्रीय इंडस्ट्रियल क्लस्टर का निर्माण हो।

बेरी ने कहा कि भारत ने बड़े पैमाने पर सुधारों में प्रगति की है, और अगली छलांग मानकों, लॉजिस्टिक्स और स्किल के जरिए लघु और मध्यम उद्यमों को ग्लोबल और घरेलू वैल्यू चेन में इंटीग्रेट करने पर निर्भर करेगी।

उन्होंने कहा कि औद्योगिक परिवर्तन का परिणाम भारतीय नागरिकों के लिए रोजगार के अवसरों और उच्च आय के रूप में दिखना चाहिए।

आईएसआईडी के निदेशक और मौद्रिक नीति समिति के सदस्य, नागेश कुमार ने कहा, "मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में सभी उत्पादक क्षेत्रों की तुलना में सबसे अधिक बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज हैं, इसलिए यह विकास और रोजगार सृजन को गति देने वाला इंजन हो सकता है।"

कुमार ने चेतावनी दी कि अमेरिकी टैरिफ में वृद्धि के कारण उत्पन्न भू-राजनीतिक अनिश्चितता नई चुनौतियाँ पैदा कर रही है।

उन्होंने भारत को सलाह दी कि देश को अपने विशाल घरेलू बाजार का लाभ उठाना चाहिए और अपने निर्यात बाजार को एफटीए के माध्यम से विविधता प्रदान करते हुए ग्लोबल सप्लाई चेन के साथ इंटीग्रेशन को बढ़ाना चाहिए।

Point of View

यह स्पष्ट है कि भारत के पास अगली औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व करने की क्षमता है। यह न केवल रोजगार और विकास के अवसर पैदा करेगा, बल्कि वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा में भी देश को मजबूत करेगा।
NationPress
29/10/2025

Frequently Asked Questions

भारत अगली औद्योगिक क्रांति में कैसे भाग ले सकता है?
भारत को ग्रीन हाइड्रोजन, इलेक्ट्रिक मोबिलिटी, और सेमीकंडक्टर जैसे क्षेत्रों में निवेश और विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
क्या भारत चीन के मॉडल से सीख सकता है?
जी हाँ, भारत को चीन के औद्योगिक विकास के उदाहरण से प्रेरणा लेनी चाहिए, लेकिन अपने लिए एक अनूठा मार्ग तैयार करना होगा।
औद्योगिक नीति का अगला चरण क्या होना चाहिए?
अगले चरण में समावेशन और अनुकूलनशीलता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
भारत की औद्योगिक रणनीति में क्या होना चाहिए?
राज्य और जिला-प्रधान रणनीति के अंतर्गत क्षेत्रीय इंडस्ट्रियल क्लस्टर का निर्माण किया जाना चाहिए।
औद्योगिक परिवर्तन का क्या प्रभाव होगा?
यह भारतीय नागरिकों के लिए रोजगार और उच्च आय के अवसर पैदा करेगा।