क्या भारतीय एयरफोर्स पाकिस्तान के झूठ को बेनकाब करेगी? - पवन खेड़ा

सारांश
Key Takeaways
- पवन खेड़ा ने पाकिस्तान के दावों को झूठा
- भारतीय वायुसेना की क्षमताएँ हैं विश्वसनीय
- पाकिस्तान का मुंह बंद कराना आवश्यक है
- सरकार को तत्काल प्रतिक्रिया देनी चाहिए
- शिक्षा के क्षेत्र में राजनीतिक हस्तक्षेप पर सवाल उठाए गए हैं
नई दिल्ली, 20 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय लड़ाकू विमानों को मार गिराने के पाकिस्तान के दावों को कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने झूठा साबित किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें विश्वास है कि भारतीय वायुसेना इस दावे का खंडन करेगी और सभी रफाल विमानों को प्रदर्शित करेगी।
पवन खेड़ा ने बताया कि पाकिस्तान ने कुछ टेल नंबर दिए हैं, जो संभवतः कल या परसों जारी किए गए होंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान हमेशा झूठे दावे करता है और भारतीय वायुसेना हर बार उसके झूठ को बेनकाब करती है।
यदि हमारी वायुसेना रफाल विमानों को दिखाएगी, तो स्थिति स्पष्ट हो जाएगी और पाकिस्तान का झूठ उजागर हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी एयरफोर्स पाकिस्तान का मुंह बंद कराना जानती है।
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि पाकिस्तान ऐसी हरकतें कर हमारी सेना का मनोबल तोड़ने का प्रयास करता है। हम भारत सरकार से मांग करते हैं कि पाकिस्तान को तुरंत जवाब दिया जाए और सबूत के साथ उसके दावों को नष्ट किया जाए।
अमेरिका द्वारा एच-1बी वीजा शुल्क बढ़ाए जाने पर पवन खेड़ा ने कहा कि अब हमारे उन बच्चों को, जो वहां काम कर रहे हैं, हर साल एक लाख डॉलर देने होंगे। यह हमारी सरकार की विफलता का सबसे बड़ा उदाहरण है। राहुल गांधी ने पहले ही केंद्र सरकार को इस बारे में चेतावनी दी थी, लेकिन सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया।
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए रक्षा समझौते पर कांग्रेस नेता ने कहा कि इस सवाल का जवाब तो केंद्र सरकार से पूछना चाहिए कि जहां गले लगाते हैं, वहां देश को क्या मिला?
उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि अभी ऑपरेशन सिंदूर खत्म नहीं हुआ है और पाकिस्तान के साथ भारत के मौजूदा हालात को जानने के बावजूद सऊदी अरब पाकिस्तान के साथ सुरक्षा समझौता कर रहा है।
तमिलनाडु में राज्यपाल के शिक्षा व्यवस्था पर उठाए सवाल पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा कि उन्हें राजभवन छोड़कर चुनावी मैदान में आना चाहिए। चुनाव जीतें और शिक्षा का स्तर सुधारें। उन्होंने कहा कि वह विवादित गवर्नर हैं। इससे अंदाजा लगा सकते हैं कि वह शिक्षा का स्तर कितना सुधार सकते हैं।