क्या बिहार चुनाव के दौरान वेब सीरीज 'महारानी 4' का रिलीज होना महज संयोग है?
सारांश
Key Takeaways
- महारानी 4 का संबंध बिहार चुनाव से नहीं है।
- इस सीजन में दिल्ली की राजनीति का भी समावेश है।
- कहानी में रिश्तों की जंग और सत्ता की लड़ाई है।
- दर्शकों की उम्मीदों पर खरा उतरने का प्रयास।
- 10 साल का लीप लिया गया है।
नई दिल्ली, 7 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की राजनीति और महारानी वेब सीरीज का संबंध अत्यंत रोचक है। जैसे ही महारानी 4 का नया सीजन प्रसारित हुआ है, बिहार की सियासत में हलचल मच गई है। इस बार यह शो उस समय आया है जब बिहार में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। ऐसे में यह सवाल उठ रहा है कि क्या यह सिर्फ एक संयोग है या कुछ और? इस पर वेब सीरीज के लेखक नंदन सिंह ने राष्ट्र प्रेस से विशेष चर्चा की।
नंदन सिंह ने स्पष्ट किया कि रिलीज की तारीख का राजनीति से कोई संबंध नहीं है। हमारी शूटिंग और एडिटिंग की एक तय प्रक्रिया होती है। हर सीजन को तैयार होने में लगभग चार से पांच महीने लगते हैं। इस बार की रिलीज डेट चुनावों के बीच आ गई, लेकिन इसे राजनीति से जोड़ना गलत होगा। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि इस संयोग का शो को चर्चा और प्रचार मिल जाता है।
उन्होंने बताया कि पहले तीन सीज़नों की कहानी अब और भी विस्तृत हो गई है। महारानी 4 में इस बार दिल्ली की राजनीति की झलक भी मिलेगी। पहली बार शो का फोकस केवल बिहार पर नहीं बल्कि दिल्ली की सियासत पर भी है।
इस बार की कहानी अधिक व्यक्तिगत है। इसमें न केवल सत्ता की लड़ाई है, बल्कि रिश्तों की भी जंग है। नए सीजन में रानी भारती के बच्चे बड़े हो चुके हैं, उनके अपने सपने और महत्वाकांक्षाएं हैं। पुरानी सलाहकारों और परिवार के बीच भी टकराव को दर्शाया गया है।
उन्होंने कहा कि हर नए सीजन पर दबाव बढ़ता है। हिट शो के बाद दर्शकों की अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं, लेकिन हमें सोनी लिव की तरफ से पूरी आजादी और समर्थन मिलता है। हम कहानी को दर्शकों की प्रतिक्रिया से नहीं, बल्कि किरदारों की यात्रा से आगे बढ़ाते हैं। इस बार हमने 10 साल का लीप लिया है ताकि कहानी में नई सोच और पीढ़ी का रंग शामिल किया जा सके।
जब महारानी 5 का जिक्र आया, तो नंदन ने कहा कि पहले सीजन 4 देखिए, फिर समझ जाएंगे कि आगे की गुंजाइश है या नहीं। कहानी में स्कोप है, और अगर दर्शकों ने पसंद किया, तो महारानी 5 भी आएगी।