क्या बिहार चुनाव में एनडीए को मिला प्रचंड बहुमत 'खरीदा' हुआ है?: जन सुराज
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए का प्रचंड बहुमत विवादास्पद है।
- जन सुराज ने मतदाता खरीदने का आरोप लगाया।
- 40 हजार करोड़ रुपए खर्च का दावा।
- महिलाओं को मिले पैसे को वरदान बताया।
- भ्रष्टाचार के खिलाफ जन सुराज का संकल्प।
पटना, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को प्राप्त प्रचंड बहुमत को जन सुराज ने 'खरीदा' हुआ बताया है। जन सुराज का कहना है कि सरकार ने जनता के धन से मतदाताओं के वोट खरीदे।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष उदय सिंह ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता में इस जनादेश का सम्मान करते हुए मतदाताओं को धन्यवाद दिया। उन्होंने एनडीए की जीत पर उन्हें बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि हमें और खुशी होती यदि एनडीए का प्रचंड बहुमत उनके कार्यों के आधार पर मिलता, लेकिन यह स्पष्ट है कि यह प्रचंड बहुमत खरीदा गया है।
उन्होंने कहा कि जन सुराज और बिहार के लोगों का मानना है कि 21 जून के बाद चुनाव तक 40 हजार करोड़ रुपए खर्च कर बहुमत खरीदा गया। जनता के पैसे से जनता के वोट खरीदे गए और बिहार के भविष्य को बेचा गया। यह जो पैसे खर्च किए गए, वह बिहार की अर्थव्यवस्था में नहीं है।
उदय सिंह ने आरोप लगाया कि सुना जा रहा है कि विश्व बैंक से मिले कर्ज के पैसे भी महिलाओं को देने में लगाए गए हैं। उन्होंने कहा कि महिलाओं को मिला पैसा उन्हें वरदान लगा, और यही प्रचंड बहुमत का कारण है।
उन्होंने एनडीए से मांग की कि बिहार में एक स्वच्छ सरकार बने जिसमें भ्रष्ट और दागी लोगों को मंत्रिमंडल में स्थान न मिले। सरकार को बिहार के विकास पर ध्यान देना चाहिए।
जन सुराज के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा, "जिस दृढ़ता के साथ हम शुरू हुए थे, वह दृढ़ता और संकल्प बिना किसी परिवर्तन के उसी तरह दिखेगा। हम सरकार की नाकामियों और भ्रष्टाचार को उजागर करते रहेंगे।"
उन्होंने आगे कहा कि महागठबंधन को वैसी सफलता नहीं मिली है। पहले भी उनके पास अधिक लोग थे, लेकिन वे विपक्ष की भूमिका में अच्छी तरह नहीं दिखे। जन सुराज एक मुख्य विपक्ष की भूमिका में नजर आएगा और आगे बढ़ेगा।
प्रशांत किशोर के जदयू के 25 सीटों से अधिक आने पर राजनीति छोड़ने के बयान पर उन्होंने कहा कि जब यह बयान दिया गया था तब यही स्थिति थी, लेकिन बाद में सरकारी खजाना खोल दिया गया। उसके बाद स्थिति बदल गई। उन्होंने स्वीकार किया कि जितने वोट जन सुराज को मिलने चाहिए थे, वह नहीं मिले।