क्या बिहार की जनता भगवान भरोसे है? : अखिलेश प्रसाद सिंह

सारांश
Key Takeaways
- बिहार की कानून व्यवस्था पर गंभीर चिंता है।
- सुरक्षा की स्थिति को लेकर लोगों में आक्रोश है।
- चुनावों के समय फ्री बिजली का वादा केवल वोट हासिल करने की रणनीति है।
- अखिलेश के अनुसार, पुलिस की स्थिति लाचार है।
- महागठबंधन में शामिल न होने का संकट जदयू और भाजपा पर है।
नई दिल्ली, 17 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार की कानून व्यवस्था पर कांग्रेस सांसद अखिलेश प्रसाद सिंह ने तीखा हमला करते हुए कहा कि राज्य की जनता की सुरक्षा भगवान भरोसे है।
गुरुवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि बिहार के लोग भगवान भरोसे जी रहे हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे हनुमान चालीसा पढ़कर निकलते हैं और अभिभावक उनकी सुरक्षित वापसी तक चिंतित रहते हैं। उन्होंने हाल की घटनाओं का जिक्र करते हुए बिहार की राजधानी पटना को ‘क्राइम कैपिटल’ करार दिया।
अखिलेश प्रसाद सिंह ने नीतीश कुमार को भाजपा की ‘कठपुतली’ बताते हुए कहा कि शासन-प्रशासन को जनता की सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है। उन्होंने गोपाल खेमका की हत्या का उदाहरण दिया, जो उनके बेटे की हत्या के बाद हुई, और यह घटना पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों के आवास के पास हुई।
बिहार सरकार द्वारा फ्री बिजली दिए जाने पर कांग्रेस सांसद ने इसे चुनावी जुमला करार देते हुए कहा कि जनता ऐसी घोषणाओं को समझ चुकी है और इनके बहकावे में नहीं आएगी। उन्होंने स्मार्ट मीटर का मुद्दा उठाया, जिसके कारण बिजली बिल तीन से चार गुना बढ़ गया, जिससे लोगों में आक्रोश है।
उन्होंने कहा कि बिजली वितरण को निजी हाथों में सौंपने और स्मार्ट मीटर के जरिए बिल बढ़ाने के बाद अब चुनावी मौसम में मुफ्त बिजली का वादा केवल वोट हासिल करने की रणनीति है।
उन्होंने कहा कि 125 यूनिट मुफ्त बिजली के वादे से साफ है कि चुनाव के दौरान हर दिन नई घोषणाएं की जाएंगी। लोगों को नए सपने बेचे जाएंगे। जनता सबकुछ समझ चुकी है। बिहार के पुलिस अधिकारी के बयान पर उन्होंने कहा कि ऐसा बेतुका बयान दर्शाता है कि पुलिस कितनी लाचार हो गई है। एआईएमआईएम के महागठबंधन में नहीं शामिल होने पर उन्होंने कहा कि विपक्ष पर संकट नहीं है। संकट जदयू और भाजपा पर है।