क्या बिहार की जनता ने तय कर लिया है कि राज्य में फिर से एनडीए की सरकार बनेगी? : केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी
सारांश
Key Takeaways
- एनडीए की वापसी की संभावना पर चर्चा।
- राहुल गांधी के विवादास्पद बयान पर प्रतिक्रिया।
- छठ महापर्व का महत्व और आस्था।
- बिहार के विकास और रोजगार की चर्चा।
- प्रमुख राजनीतिक नेताओं के बयान।
पटना, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार चुनाव के दौरान छठ महापर्व को लेकर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के बयान पर केंद्रीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि उनका अहंकार स्पष्ट है। छठ आस्था का महापर्व है।
उन्होंने आगे कहा कि यह केवल उनका घमंड बोल रहा है। छठ पर्व अत्यंत श्रद्धा और आस्था का त्योहार है। बिहार और पूर्वांचल के लोग इसे पूरे भाव और श्रद्धा के साथ मनाते हैं। जिस तरह से उन्होंने छठ पूजा को ड्रामा कहा, यह उनका अहंकार प्रकट कर रहा है। पीएम मोदी छठ पर्व को वैश्विक स्तर पर पहचान दिला रहे हैं। दुनिया के किसी भी कोने में जहां बिहार और पूर्वांचल के लोग मौजूद हैं, इस त्योहार को पूरे हर्षोल्लास से मनाते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि लालू यादव और रबड़ी देवी समेत गठबंधन के अन्य नेताओं ने राहुल गांधी के इस बयान पर कोई आपत्ति नहीं की। बिहार की जनता राहुल गांधी के इस घमंड को चकनाचूर कर देगी।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अन्नपूर्णा देवी ने कहा कि बिहार की जनता ने निश्चित कर लिया है कि राज्य में एक बार फिर एनडीए की सरकार बनेगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बिहार के लोग यह तय कर चुके हैं कि राज्य में फिर से एनडीए की सरकार बनानी है, क्योंकि वे रोजगार और विकास की चाह रखते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस तरह से विकसित भारत के संकल्प को आगे बढ़ा रहे हैं, उस संकल्प को बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगे बढ़ा रहे हैं।
वहीं, बिहार भाजपा ने गुरुवार को लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी पर प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ सार्वजनिक चुनाव रैली में अपमानजनक और व्यक्तिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया। उन्होंने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की।
बिहार भाजपा इलेक्शन कमीशन को-आर्डिनेशन विभाग के संयोजक विंध्याचल राय ने मुख्य चुनाव अधिकारी, बिहार को दिए गए एक आवेदन पत्र में कहा कि संसद सदस्य और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने 29 अक्टूबर को बिहार के मुजफ्फरपुर और दरभंगा में आयोजित चुनावी रैली के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ बहुत ही अपमानजनक और व्यक्तिगत टिप्पणी की थी।
उन्होंने आवेदन में लिखा कि यह बयान न केवल प्रधानमंत्री पद के प्रति घोर अनादरपूर्ण है, बल्कि शालीनता और लोकतांत्रिक संवाद की सभी सीमाओं को भी लांघता है। ऐसी टिप्पणियां व्यक्तिगत, उपहासपूर्ण और भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा को अपमानित करने के इरादे से की गई हैं।