क्या भाजपा आयोग का प्रयोग चुनावी लाभ के लिए कर रही है? : कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा का आयोग का दुरुपयोग
- राहुल गांधी का साहस
- महंगाई और बेरोजगारी की समस्या
- लोकतंत्र की सुरक्षा
- सामाजिक समानता की आवश्यकता
लखनऊ, 16 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को सेना पर टिप्पणी के मामले में लखनऊ की एमपी-एमएलए कोर्ट से जमानत मिलने पर कांग्रेस सांसद तनुज पुनिया ने बयान दिया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी भाजपा के किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।
राष्ट्र प्रेस से बुधवार को बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के लोग विपक्ष के नेताओं पर झूठे मुकदमे दर्ज करवा रहे हैं। भाजपा के लोग विपक्ष के नेताओं का मनोबल तोड़ने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे नेता राहुल गांधी न पहले कभी डरे हैं, न अब और न भविष्य में डरेंगे। चाहे उन्हें कुछ भी सहना पड़े, वह विपक्ष, जनता और समाज की आवाज को मजबूती से उठाते रहेंगे। हम इस लड़ाई में उनके साथ खड़े हैं और भाजपा के किसी भी दबाव के आगे नहीं झुकेंगे।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सोशल मीडिया पोस्ट पर कांग्रेस सांसद ने कहा कि समाज के असली मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय भाजपा सांसद 50 साल पुराने पत्रों को सामने ला रहे हैं। कांग्रेस सांसद ने पूछा कि ये पत्र आपको कहां से मिले। इन पत्रों के आधार पर झूठे दावे न करें। आज हम गंभीर समस्याओं का सामना कर रहे हैं, जैसे बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, और शिक्षा की समस्याएं। समाज में गरीबी है। ध्यान इन मुद्दों के समाधान पर होना चाहिए।
बिहार वोटर लिस्ट वेरिफिकेशन पर उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सदन के अंदर और बाहर आयोग की कार्यप्रणाली पर चर्चा करते हैं, चुनाव आयोग भाजपा के साथ है। भाजपा आयोग का प्रयोग चुनावी लाभ के लिए कर रही है। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव के तथ्यों को भी प्रस्तुत किया। आज तक आयोग इस पर जवाब नहीं दे पाया है। भाजपा ने जिस तरह से महाराष्ट्र चुनाव में धांधली की, अब बिहार चुनाव के दौरान भी ऐसा करने की कोशिश कर रही है। चुनाव आयोग जो एक संवैधानिक संस्था है, उसे निष्पक्ष होना चाहिए, लेकिन वह निष्पक्ष नहीं है। भाजपा ने लोकतंत्र को कमजोर कर दिया है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला पर कांग्रेस नेता उदित राज के बयान का समर्थन करते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व की बात है कि वह स्पेस में ऐतिहासिक कार्य कर लौटे हैं। लेकिन, अभी तक दलित समाज को बराबरी का अवसर नहीं मिल रहा है। सरकार को यह देखना होगा कि इस समाज को भी बराबरी का अवसर मिले। अगली बार जब कोई स्पेस में जाए तो वह ओबीसी या जनजाति वर्ग से हो।
एनसीईआरटी के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि मनमर्जी नहीं चलनी चाहिए। किसी भी चीज को हटाना और जोड़ना ठीक नहीं है।