क्या भाजपा सांसद खंडेलवाल का दावा है कि हम दिल्ली की सभी 12 सीटें जीतेंगे?
सारांश
Key Takeaways
- भाजपा का दावा है कि वे एमसीडी की सभी 12 सीटें जीतेंगे।
- दिल्ली सरकार के पिछले 7-8 महीनों के कार्यों की सराहना की गई है।
- छठ पूजा के दौरान व्यापार में भारी वृद्धि हुई है।
- वक्फ कानून का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
- औरंगाबाद का नाम बदलकर कृतज्ञता व्यक्त की गई है।
नई दिल्ली, 28 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने एमसीडी की 12 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव के बारे में कहा कि पिछले 7-8 महीनों में दिल्ली सरकार द्वारा किए गए उत्कृष्ट कार्यों को देखते हुए, मैं पूरी आत्मविश्वास के साथ कह सकता हूं कि हम दिल्ली की सभी 12 सीटें भारी बहुमत से जीतेंगे।
खंडेलवाल ने बताया कि हमारी पार्टी और सरकार अपनी जिम्मेदारियों को समझती है। इसी कारण आज दिल्ली में सभी मंत्री, सांसद और वरिष्ठ पदाधिकारी सफाई कार्य में लगे हैं। छठ पूजा के बाद आवश्यक सफाई को पूरा करने के लिए सब मिलकर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि छठी मइया ने इस बार केवल श्रद्धा ही नहीं, बल्कि समृद्धि का भी आशीर्वाद दिया है। देशभर में 50,000 करोड़ रुपए से अधिक का व्यापार हुआ है, और बिहार में 15,000 करोड़ रुपए के सामान की बिक्री हुई है। यह केवल एक आस्था का उत्सव नहीं है, बल्कि यह भारत की लोक संस्कृति और स्थानीय अर्थव्यवस्था की ताकत का प्रतीक है। हर दीप, हर अर्घ्य और हर घाट ने इस बार आत्मनिर्भर भारत की कहानी लिखी है।
इससे पहले, तेजस्वी यादव के वक्फ कानून संबंधी बयान पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि या तो तेजस्वी यादव को कानून की जानकारी नहीं है या वे खुद को जरूरत से ज्यादा समझदार समझते हैं। भारतीय संसद द्वारा पारित कोई भी कानून देश का कानून होता है और उसका पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है।
वक्फ कानून संसद द्वारा उचित प्रक्रिया के तहत पारित किया गया था, राष्ट्रपति ने इस पर हस्ताक्षर किए हैं और अब यह देश का कानून है। तेजस्वी यादव किसे बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं? क्या उनके पास संसद द्वारा पारित कानून को मानने से इनकार करने की शक्ति है?
औरंगाबाद का नाम बदलकर छत्रपति संभाजीनगर करने पर भाजपा सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि देश छत्रपति संभाजी राव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है। औरंगाबाद कभी एक सच्चा नाम नहीं था, इसे मुगल आक्रांताओं ने जबरन थोपा था।
दुर्भाग्यवश, पिछली सरकारों ने भी मुगलों जैसा ही व्यवहार किया। अब औरंगाबाद का नाम बदलकर संभाजी राव करने से उन लोगों को उचित सम्मान दिया गया है जिन्होंने हमेशा भारत के गौरव के लिए संघर्ष किया।