क्या भाजपा सरकार आने वाली पीढ़ी से शिक्षा का अधिकार छीनना चाहती है?

सारांश
Key Takeaways
- भाजपा सरकार शिक्षा का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।
- महंगी शिक्षा से गरीबों की पहुंच मिट रही है।
- सपा स्वतंत्रता दिवस पर विरोध प्रदर्शन करने की योजना बना रही है।
- जातीय जनगणना का मुद्दा भाजपा पर दबाव डाल रहा है।
- शिक्षा और विकास के प्रति भाजपा की नीति को चुनौती दी जा रही है।
लखनऊ, 6 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनके अनुसार, भाजपा सरकार आने वाली पीढ़ी के शिक्षा के अधिकार को छिनने की योजना बना रही है। उन्होंने कहा कि यही कारण है कि भाजपा ने जानबूझकर शिक्षा को महंगा करने की साजिश की है।
सपा के प्रमुख ने कहा कि गरीबों के सामने रोटी और रोजगार की कमी के चलते बच्चों को पढ़ाना कठिन हो रहा है। पढ़ाई से वंचित बच्चों की संख्या लाखों में है। भाजपा सरकार की गतिविधियों पर पर्दा डालने के लिए उनके लिए शिक्षा का अंधेरा होना आवश्यक है। अखिलेश यादव ने रविवार को लखनऊ में विभिन्न जिलों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बातें कहीं।
उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार की शिक्षा विरोधी नीति के खिलाफ 15 अगस्त 2025 को स्वतंत्रता दिवस पर सपा के विधायक, नेता और पदाधिकारी उन गांवों में जाकर स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे, जहाँ स्कूलों को बंद किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में लगभग पांच हजार प्राइमरी स्कूलों को बंद करने का निर्णय लिया गया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का एजेंडा सामाजिक न्याय के खिलाफ है। सपा सामाजिक न्याय के राज्य की स्थापना के लिए प्रतिबद्ध है। जातीय जनगणना से सभी को समानुपातिक भागीदारी मिलनी चाहिए। भाजपा सरकार विपक्ष के दबाव में इस पर आधे-अधूरे मन से सहमत हुई है।
उन्होंने बताया कि भाजपा बच्चों की शिक्षा और विकास की विरोधी है, क्योंकि यदि लोग शिक्षित और जागरूक होंगे तो उनकी नकारात्मक नीतियों का खुलासा हो जाएगा। भाजपा की नफरती और अलगाववादी सोच से सावधान रहना आवश्यक है। बिहार में चुनाव आयोग मतदाताओं की छंटनी की तैयारी कर रहा है, जहां बहुत विरोध हो रहा है। उत्तर प्रदेश की बारी भी आएगी। इसलिए सपा के कार्यकर्ताओं को वोट बढ़ाने और अवांछित मतदाताओं के नाम हटवाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा। जनता हमारे साथ है।