क्या बुमराह को कप्तान नहीं बनाया गया? फिल्ममेकर सेल्वाराघवन ने गौतम गंभीर से पूछा ये सवाल
सारांश
Key Takeaways
- बुमराह को दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में गिना जाता है।
- कप्तानी एक बड़ी जिम्मेदारी है और बुमराह ने खुद इस पर सवाल उठाए हैं।
- सेल्वाराघवन ने इस मुद्दे को उठाकर क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचा।
- टीम की कप्तानी का निर्णय हमेशा खिलाड़ियों की फिटनेस और वर्कलोड पर निर्भर करता है।
- सोशल मीडिया पर इस विषय पर चर्चाएँ तेज हो गई हैं।
चेन्नई, 25 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय क्रिकेट टीम के हालिया प्रदर्शन और कप्तानी पर सोशल मीडिया पर लगातार चर्चाएँ हो रही हैं। विशेषकर दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ गुवाहाटी में खेले जा रहे दूसरे टेस्ट मैच को लेकर यह बहस और भी बढ़ गई है कि वर्तमान में टीम का नेतृत्व किसके हाथ में होना चाहिए।
इस बीच, तमिल फिल्म निर्माता और अभिनेता सेल्वाराघवन ने एक दिलचस्प प्रश्न उठाकर क्रिकेट प्रेमियों का ध्यान खींचा है। उन्होंने जसप्रीत बुमराह को कप्तान क्यों नहीं बनाया गया, इस पर अपनी जिज्ञासा व्यक्त की है।
यह प्रश्न इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि बुमराह को दुनिया के सबसे खतरनाक गेंदबाजों में से एक माना जाता है।
सेल्वाराघवन ने अपने एक्स अकाउंट पर पोस्ट करते हुए लिखा, "मैं बचपन से ही क्रिकेट का बड़ा प्रशंसक रहा हूँ और आज भी उतनी ही रुचि से खेल को देखता हूँ। मैं एक सवाल पूछना चाहता हूँ कि आखिर बुमराह जैसे प्रतिभाशाली खिलाड़ी को टेस्ट टीम की कप्तानी क्यों नहीं दी जाती।"
उन्होंने अपने पोस्ट में हैशटैग का उपयोग करते हुए 'बेस्ट बॉलर इन द वर्ल्ड' और 'सुपर्ब्ली इंटेलिजेंट' लिखा। साथ ही, बीसीसीआई और गौतम गंभीर को टैग किया।
उनकी इस पोस्ट को फैंस ने लाइक किया और कुछ ने कमेंट्स के जरिए इस चर्चा में अपनी राय दी।
एक यूजर ने लिखा, "बुमराह ने खुद पहले कहा है कि वह टेस्ट कप्तानी नहीं संभालना चाहते, क्योंकि एक तेज गेंदबाज होने के नाते उन्हें फिटनेस पर ध्यान देना पड़ता है।"
वास्तव में, टेस्ट क्रिकेट एक लंबा और शारीरिक रूप से मांग वाला फॉर्मेट है। इसमें कप्तान को लगभग हर मैच खेलना होता है और मैदान पर टीम का नेतृत्व करना होता है, जो काफी थकाऊ होता है। बुमराह ने माना कि वर्कलोड के कारण हर मैच खेल पाना उनके लिए संभव नहीं है और ऐसे में वह कप्तानी की जिम्मेदारी सही तरीके से नहीं निभा पाएंगे।