क्या 'चिराग अभी बुझा नहीं' है? आजम खान ने तल्खियों, तन्हाई और राजनीति पर क्या कहा?

Click to start listening
क्या 'चिराग अभी बुझा नहीं' है? आजम खान ने तल्खियों, तन्हाई और राजनीति पर क्या कहा?

सारांश

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने बिहार चुनाव, अपनी सुरक्षा और भविष्य की रणनीति पर चर्चा की। क्या चिराग अब भी जल रहा है? जानिए उनकी बेबाक राय।

Key Takeaways

  • आजम खान
  • बिहार की स्थिति चिंताजनक है, और उन्हें वहां जाने की इच्छा है।
  • सुरक्षा के मुद्दे पर उन्हें चिंताएं हैं।
  • मुसलमानों का सही प्रतिनिधित्व होना चाहिए।
  • चिराग अभी बुझा नहीं है, और वे आगे की राजनीति में सक्रिय रहेंगे।

रामपुर, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेता आजम खान ने राष्ट्र प्रेस के साथ एक विशेष बातचीत में बिहार चुनाव, अपनी सुरक्षा, जेल का जीवन, मुस्लिम समुदाय का प्रतिनिधित्व, पार्टी के संबंध और अपने राजनीतिक भविष्य पर खुलकर विचार साझा किए। जेल से रिहाई के बाद यह उनकी पहली विस्तृत बातचीत है, जहां उन्होंने कहा कि वे अभी भी राजनीति में सक्रिय हैं और ‘चिराग अभी बुझा नहीं है’। इस इंटरव्यू के कुछ महत्वपूर्ण अंश इस प्रकार हैं।

सवाल: बिहार चुनाव में आपका क्या आकलन है? क्या एनडीए जीत सकेगा या महागठबंधन? आपको स्टार प्रचारक बनाया गया है।

जवाब: यह एक तरह का राजनीतिक रिवाज होता है। जेल में रहते हुए भी मेरा नाम स्टार प्रचारकों की सूची में था, लेकिन बाहर नहीं जा सका। अब भी स्वास्थ्य और सुरक्षा कारणों से नहीं जा पा रहा हूं। मुझे वाई श्रेणी की सुरक्षा मिली थी, जिसे मैंने वापस कर दिया। बिहार की स्थिति चिंताजनक है। मैं वहां जाना चाहता हूं और योगदान देना चाहता हूं। बिहार के लोग समझदार हैं और जब भी देश पर संकट आया है, बिहार ने नेतृत्व किया है। जो भी निर्णय होगा, सकारात्मक होगा।

सवाल: सुरक्षा वापस लौटाने का कारण?

जवाब: जब मुझे जेड सिक्योरिटी मिली थी, तो यह किसी राजनीतिक दल द्वारा नहीं दी गई थी, बल्कि राज्यपाल ने महसूस किया था। उस समय के एसपी ने कहा था कि मुझे जेड प्लस सुरक्षा की जरूरत है, जो नहीं दी गई। अब तो कोई सुरक्षा भी नहीं है। मुझे खुद को सुरक्षित महसूस करने के लिए कम से कम थोड़ी सुरक्षा चाहिए।

सवाल: क्या आपको लगता है कि मौजूदा हालात में इंडी-गठबंधन एनडीए को हराने में सक्षम है?

जवाब: 1975 में जब देश में आपातकाल लगा, तब एक भय का माहौल था। जब 1977 में आपातकाल हटा, तो सब कुछ बदल गया। हालात अच्छे नहीं हैं, लोग दुखी और डरे हुए हैं। कब बदलाव आएगा, यह कोई नहीं जानता।

सवाल: बिहार में सवाल उठ रहे हैं कि 14 फीसदी यादव आबादी को सीएम घोषित किया गया और 2.5 फीसदी मल्लाह आबादी को डिप्टी सीएम, लेकिन 19 फीसदी मुसलमानों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं।?

जवाब: यह सवाल उठाने वाले लोगों के साथ मेरे अच्छे संबंध हैं। लेकिन ऐसे ताकतवर होने के बावजूद वे अपने राज्य में कोई बड़ा परिवर्तन नहीं ला सके। इस पर चर्चा का समय नहीं है। आज हमें किसी भी पद की आवश्यकता नहीं है, बस सुकून चाहिए।

सवाल: क्या मुसलमानों का वोट के लिए इस्तेमाल होता है?

जवाब: ऐसा नहीं है। अगर कोई इस्तेमाल होता है, तो उसके पीछे कोई कारण होता है। मुसलमान अपने हक के लिए काम करते हैं। हमने सही तरीके से अपने वोट का इस्तेमाल किया है।

सवाल: ओवैसी को महागठबंधन में शामिल होने की गुहार लगाई, लेकिन राजद और कांग्रेस ने उन्हें नहीं लिया। क्या कहेंगे?

जवाब: मैं इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था। मुसलमानों की सही प्रतिनिधित्व होनी चाहिए। केवल टोपी पहनने से कोई मुसलमानों का प्रतिनिधि नहीं बन जाता।

सवाल: क्या आप चाहेंगे कि अखिलेश यादव यूपी में किसी मुस्लिम को डिप्टी मिनिस्टर घोषित करें?

जवाब: संविधान में ऐसा कोई पद नहीं है, यह केवल दिल बहलाने के लिए बनाया जाता है।

सवाल: क्या आपको उम्मीद थी कि अखिलेश यादव जेल में मिलने आएंगे?

जवाब: हाँ, वे कई बार आए हैं। किसी के आने या जाने से रिश्ते नहीं बनते।

सवाल: बीच में नाराजगी की बातें?

जवाब: ये सब मीडिया द्वारा बनाई गई बातें थीं। हमें ऐसी बातों की सजा मिली।

सवाल: अगर आज मुलायम सिंह होते और आपको जेल में रखा जाता, तो क्या आंदोलन होता?

जवाब: जब मैं जेल में था, तब नेताजी जिंदा थे। अब जो हालात हैं, उनमें आंदोलन से नुकसान होता है।

सवाल: क्या आपको जान का खतरा है?

जवाब: मैंने कभी जाति या धर्म के आधार पर काम नहीं किया। अगर मैंने ऐसा किया होता, तो मुझे इतनी मोहब्बत नहीं मिलती।

सवाल: जेल से पहले वाले आज़म और जेल के बाद वाले में क्या बदलाव है?

जवाब: स्वास्थ्य के कारण थोड़ी कमजोरी है, पर जब खेल शुरू होगा तो बैटिंग होगी।

सवाल: क्या आपकी आमदनी का स्रोत क्या है?

जवाब: मुझे यूपी में सबसे अधिक पेंशन मिलती है।

सवाल: क्या आपको लगता है कि आपको जान का खतरा है?

जवाब: नहीं। मैंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।

Point of View

आजम खान की बातों में गहराई और अनुभव है। उनकी राजनीतिक यात्रा और विचारों पर ध्यान केंद्रित करना आवश्यक है। उनके अनुभव से हमें यह समझने में मदद मिलती है कि कैसे मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में वे अपनी पहचान बनाए रख रहे हैं।
NationPress
31/10/2025

Frequently Asked Questions

आजम खान ने बिहार चुनाव पर क्या कहा?
आजम खान ने कहा कि बिहार की स्थिति चिंताजनक है, और वे वहां जाना चाहते हैं।
क्या आजम खान को सुरक्षा के मुद्दे पर चिंता है?
आजम ने सुरक्षा वापस लौटाने का कारण बताते हुए कहा कि उन्हें खुद को सुरक्षित महसूस करने की आवश्यकता है।
क्या मुसलमानों का वोट के लिए इस्तेमाल होता है?
आजम ने कहा कि ऐसा नहीं है, मुसलमान अपने हक के लिए काम करते हैं।
क्या आजम खान ने राजनीति से संन्यास लिया है?
उन्होंने कहा कि चिराग अभी बुझा नहीं है, और वे राजनीति में सक्रिय हैं।
क्या आजम खान को जान का खतरा है?
आजम ने कहा कि उन्होंने कभी किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया।