क्या चुनाव आयोग निष्पक्ष है? बैलेट पेपर से चुनाव की मांग : रविदास मेहरोत्रा
Key Takeaways
- बिहार विधानसभा चुनाव में धांधली के गंभीर आरोप।
- चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल।
- 69 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटाए गए।
- बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग।
- दिल्ली ब्लास्ट में दस से अधिक लोगों की मौत।
लखनऊ, 18 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों पर समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने कहा है कि बिहार विधानसभा चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली और बेईमानी की गई है। 69 लाख लोगों के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। बिहार से पहले के लोकसभा और विधानसभा चुनावों में भाजपा ने वोट चोरी का कार्य किया, लेकिन बिहार में चुनाव आयोग के सहयोग से डाका डालने का काम किया है।
समाजवादी पार्टी के विधायक रविदास मेहरोत्रा ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि जिस तरह भाजपा ने बिहार में चुनाव जीता है, उससे नौजवानों में जबरदस्त आक्रोश है। रॉबर्ट वाड्रा के जेन-जी प्रोटेस्ट और चुनाव आयोग पर सवाल उठाने पर सपा विधायक ने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष नहीं है। ऐसा लगता है कि वह भाजपा का एक पॉलिटिकल विंग बन गया है। विपक्ष और देश मांग कर रहे हैं कि बैलेट पेपर से चुनाव हों। ईवीएम मशीन से जहां चुनाव होते थे, वहां भी अब ईवीएम से चुनाव नहीं हो रहा है। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट की देखरेख में चुनाव होने चाहिए।
उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी को जीत-हार से फर्क नहीं पड़ता। हमने बिहार विधानसभा चुनाव में एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ा, लेकिन सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 26 रैलियां कीं और 20 स्टार प्रचारकों की नियुक्तियां कीं। हम संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए, जनता के मुद्दों को लेकर, असत्य और अन्याय के खिलाफ संघर्ष करते रहेंगे।
सपा नेता ने कहा कि दिल्ली में हुए ब्लास्ट में दस से अधिक लोगों की मौत हो गई। जब दिल्ली के पास सीमा पर दो साल तक किसानों ने आंदोलन किया और 750 किसानों की मौत हुई, तो वे किसान लाल किले तक नहीं पहुंच पाए तो आतंकी विस्फोटक सामान लेकर कैसे लाल किला तक पहुंच गए? दिल्ली, उत्तर प्रदेश और केंद्र में भाजपा की सरकार है, फिर भी तीन हजार किलोग्राम विस्फोटक सामग्री कैसे आ गई?
रविदास मेहरोत्रा ने कहा कि सरकार समाजवादी पार्टी के नेताओं पर फर्जी मुकदमे लगाकर कोर्ट में बड़े-बड़े वकील खड़े करके सजा कराने का काम कर रही है। आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को पैन कार्ड के मामले में सात साल की सजा सुनाई गई। जल्द ही वे रिहा हो जाएंगे, लेकिन भाजपा बदले और विद्वेष की भावना से सपा नेताओं पर कार्रवाई कर रही है। अब हम इनसे डरने वाले नहीं हैं।