क्या कांग्रेस में अध्यक्ष पद केवल नाममात्र का है? : आरपी सिंह

सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का अध्यक्ष पद केवल नाममात्र का है।
- नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय हाईकमान ही करेगा।
- भाजपा द्वारा कांग्रेस की आंतरिक राजनीति पर सवाल उठाए गए हैं।
- ममता बनर्जी की सरकार पर भी भाजपा ने निशाना साधा है।
- राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे का एकजुट होना भी चर्चा का विषय है।
नई दिल्ली, 30 जून (राष्ट्र प्रेस)। कर्नाटक में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही खींचतान के बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का एक बयान भाजपा के लिए हमला करने का अवसर बन गया है। खड़गे ने कहा कि कर्नाटक में नेतृत्व परिवर्तन का निर्णय हाईकमान ही करेगा और यह उसके अधिकार क्षेत्र में है। भाजपा ने इस पर चुटकी लेना शुरू कर दिया है।
भाजपा के नेताओं ने सवाल उठाया है कि क्या कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष नेतृत्व परिवर्तन के फैसले में भी स्वतंत्रता नहीं रखते? क्या इसके लिए भी उन्हें गांधी परिवार से सलाह लेनी होगी?
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आर.पी. सिंह ने सोमवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "आप उस पार्टी के अध्यक्ष से वास्तव में कुछ भी उम्मीद नहीं कर सकते। यह केवल एक नाममात्र का पद है। वे अपनी पार्टी के भीतर चाटुकारिता की संस्कृति को जानते हैं। कांग्रेस कोई पार्टी नहीं है, यह एक परिवार है, जिसे कुछ लोग जैसे कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी, और प्रियंका वाड्रा चलाते हैं। सब कुछ उनके इर्द-गिर्द घूमता है। मुझे पूरा विश्वास है कि आने वाले समय में प्रियंका वाड्रा के बच्चों को पार्टी के अध्यक्षों से अनुमति लेनी पड़ेगी।
कोलकाता रेप केस मामले पर, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी सरकार पर जोरदार हमला किया। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी मां माटी मानुष का नारा देकर आई थीं। आज न मां है और न ही माटी है। मानुष तो बहुत पहले पीछे छूट चुका था। उन्होंने कहा कि बंगाल की स्थिति बहुत खराब है। तृणमूल कांग्रेस नहीं, गुंडे वहां की सरकार चला रहे हैं।
महाराष्ट्र में राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के एक साथ आने पर आर.पी. सिंह ने कहा कि राज ठाकरे को उद्धव ठाकरे से पूछना चाहिए कि बाला साहेब हमेशा कांग्रेस के खिलाफ रहे, वह कब तक कांग्रेस की गोद में बैठे रहेंगे।