क्या कांग्रेस के समय राजस्थान में शिक्षकों के तबादले पैसे लेकर हुए थे? : मदन दिलावर

सारांश
Key Takeaways
- राजस्थान के शिक्षा मंत्री ने पूर्व सरकार पर गंभीर आरोप लगाए।
- अंग्रेजी बबूल का राजस्थान की पारिस्थितिकी पर नकारात्मक प्रभाव।
- शिक्षकों को क्लासरूम में फोन लाने से रोका गया है।
- राजस्थान में शिक्षकों के तबादले को लेकर विवाद।
- शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता की जरूरत।
जोधपुर, २४ सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान सरकार के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बुधवार को जोधपुर के एक एक दिवसीय दौरे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार पर आरोप लगाया कि उन्होंने शिक्षकों से पैसे लेकर तबादले किए।
मदन दिलावर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि कई सम्मानित शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह बात रखी थी कि पैसे देकर तबादले किए जाते थे। उनका कहना है कि शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे कमजोर बच्चों के लिए उच्च स्तर की शिक्षा सुनिश्चित करें, ताकि उन्हें भी बेहतर पढ़ाई का अवसर मिल सके। उन्होंने कहा कि उस समय शिक्षा मंत्री रहे गोविंद सिंह डोटासरा ने शिक्षकों से पैसे लेकर तबादले करने की प्रथा को बढ़ावा दिया। हमारे यहां ऐसा कोई प्रचलन नहीं है, यह केवल कांग्रेस के शासन के दौरान हुआ करता था।
मंत्री ने यह भी बताया कि अंग्रेजी बबूल के पेड़ राजस्थान की भूमि को काफी नुकसान पहुंचा रहे हैं। इन पेड़ों के नीचे अन्य वनस्पतियों का विकास नहीं हो पाता और ये इतनी तेजी से बढ़ते हैं कि इन्हें रोकना कठिन है।
उन्होंने कहा कि अंग्रेजी बबूल से कई बीमारियां भी फैल रही हैं। यह प्रतिदिन ३० लीटर पानी सोख लेता है, जिससे इसकी वृद्धि तेज होती है। इस सबको देखते हुए इसे हटाने पर विचार किया जा रहा है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
शिक्षकों से पढ़ाई के दौरान दूसरे काम कराए जाने के सवाल पर, मंत्री ने कहा कि जनगणना और चुनाव नियमित नहीं होते। इस कारण से शिक्षकों को अन्य कार्यों में शामिल किया जाता है। यह व्यवस्था केवल राजस्थान में नहीं, बल्कि अन्य राज्यों में भी है।
एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षकों को क्लासरूम में फोन लाने से मना किया गया है। प्रार्थना के समय बच्चों की उपस्थिति ली जाएगी, और अगर कोई संदेश आता है, तो प्रधानाचार्य या शिक्षकों के लिए क्लास खत्म होने के बाद फोन देखने की अनुमति है।