क्या कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की जननी है? : राजेश्वर सिंह

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क्या कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण की जननी है? : राजेश्वर सिंह

सारांश

क्या कांग्रेस वास्तव में मुस्लिम तुष्टिकरण की जननी है? डॉ. राजेश्वर सिंह ने इस पर गंभीर आरोप लगाते हुए ऐतिहासिक तथ्यों के आधार पर कांग्रेस की राजनीतिक चालाकी को उजागर किया है। जानिए उन्होंने क्या कहा और इस मुद्दे पर उनका दृष्टिकोण क्या है।

Key Takeaways

  • कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप
  • ऐतिहासिक संदर्भ में कांग्रेस की नीतियाँ
  • समाज में विभाजन के कारण
  • प्रगतिशील मुस्लिम नेतृत्व की आवश्यकता
  • शिक्षा और रोजगार पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता

लखनऊ, २२ अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। सरोजनीनगर के विधायक डॉ. राजेश्वर सिंह ने कांग्रेस पार्टी पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आजादी से पहले से लेकर आज तक कांग्रेस ने वोट बैंक की राजनीति के लिए देश को बांटा, समाज को विभाजित किया और राष्ट्रीय एकता को नुकसान पहुँचाया।

राजेश्वर सिंह ने अपने विस्तृत सोशल मीडिया पोस्ट में ऐतिहासिक तथ्यों का हवाला देते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी भारत में मुस्लिम तुष्टिकरण की जननी है। उनके अनुसार, १९१६ के लखनऊ पैक्ट से लेकर १९२० के खिलाफ़त आंदोलन और १९४७ के विभाजन तक कांग्रेस ने लगातार ऐसे फैसले लिए, जिन्होंने साम्प्रदायिकता को बढ़ावा दिया और देश को विभाजन की त्रासदी झेलनी पड़ी।

उन्होंने कहा कि स्वतंत्र भारत में भी कांग्रेस ने तुष्टिकरण को नीतिगत स्तर पर संस्थागत रूप दिया। नेहरू-लियाकत समझौते, मुस्लिम पर्सनल लॉ में छूट, हज सब्सिडी, शाह बानो प्रकरण और सच्चर समिति जैसी पहलें इसी कड़ी का हिस्सा रहीं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के उस बयान पर भी उन्होंने सवाल उठाया जिसमें कहा गया था कि देश के संसाधनों पर पहला हक मुसलमानों का है। राजेश्वर सिंह ने यूपीए काल को वोट बैंक राजनीति का चरम बताते हुए कहा कि कांग्रेस ने सांप्रदायिक हिंसा बिल में बहुसंख्यकों को दोषी ठहराने का प्रयास किया, आरटीई में मदरसों को छूट देकर बच्चों को आधुनिक शिक्षा से वंचित किया, आतंकवाद पर नरमी दिखाई और हिंदू आतंकवाद जैसी अवधारणा गढ़कर भारत की छवि को धूमिल किया। शाहीनबाग आंदोलन, सीएए विरोध और हिजाब विवाद में भी कांग्रेस ने खुलकर समर्थन दिया।

उन्होंने कहा कि अब भारत को कट्टरपंथ से बाहर निकालने के लिए प्रगतिशील मुस्लिम नेतृत्व की आवश्यकता है। भारत को डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम जैसे प्रेरणादायी नेता चाहिए, न कि अतीक अहमद और मुख्तार अंसारी जैसे अपराधी।

राजेश्वर सिंह ने मुस्लिम समाज से आत्ममंथन का आह्वान करते हुए दो सवाल उठाए, क्यों समाज से बड़े पैमाने पर कलाम जैसे नेता नहीं निकले और क्यों शिक्षा व विकास की राह छोड़कर कट्टरपंथ को बढ़ावा दिया गया। भारत को आज ऐसे प्रगतिशील मुस्लिम समाज की आवश्यकता है, जो शिक्षा, रोजगार और सुधार की राह पर चले और कट्टरपंथ की जकड़न से मुक्त होकर देश की तरक्की में भागीदार बने।

Point of View

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NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

कांग्रेस पर मुस्लिम तुष्टिकरण का आरोप क्यों लगाया गया?
डॉ. राजेश्वर सिंह के अनुसार, कांग्रेस की नीतियों ने मुस्लिम तुष्टिकरण को बढ़ावा दिया है, जिससे समाज में विभाजन और असमानता का माहौल बना है।
क्या कांग्रेस ने स्वतंत्रता के बाद भी तुष्टिकरण की राजनीति की?
हां, राजेश्वर सिंह का कहना है कि कांग्रेस ने स्वतंत्र भारत में भी तुष्टिकरण को नीति के रूप में अपनाया है।
किस प्रकार के उदाहरण दिए गए हैं?
उदाहरण के तौर पर, नेहरू-लियाकत समझौता, मुस्लिम पर्सनल लॉ की छूट, और शाह बानो प्रकरण जैसे मुद्दे शामिल हैं।