क्या कांग्रेस ने पूरे विपक्ष को हाईजैक कर लिया है? - मुख्तार अब्बास नकवी
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का विपक्ष पर नियंत्रण
- सरकार द्वारा पुराने कानूनों का समाप्त होना
- महात्मा गांधी का नाम इस्तेमाल करना
- विपक्ष द्वारा समस्याओं का समाधान नहीं करना
- सनातन आस्था का महत्व
नई दिल्ली, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल 2025 गुरुवार को राज्यसभा से पारित हो गया। विपक्ष ने इस बिल के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। हंगामे के बीच, यह बिल ध्वनिमत से पास हुआ और अब इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। इस संदर्भ में भाजपा के वरिष्ठ नेता मुख्तार अब्बास नकवी का बयान सामने आया है।
नई दिल्ली में राष्ट्र प्रेस से बातचीत के दौरान भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस ने पूरे विपक्ष पर अपना नियंत्रण स्थापित कर लिया है। वे समस्याओं को सुलझाने के बजाय, हर काम में बाधा डालने की साजिश करते हैं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार उन कानूनों को समाप्त कर रही है जो अब अप्रचलित हो चुके हैं। 20 साल पुराने कानून आज की आवश्यकताओं के अनुसार सही नहीं हैं, इसलिए देश को आगे बढ़ाने के लिए नए परिवर्तन किए जा रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस अपनी अराजकता को छुपाने के लिए महात्मा गांधी के नाम का सहारा ले रही है। यह ठीक वैसे ही है जैसे कांग्रेस के नेता हाथ में संविधान की किताब लेकर चलते हैं, लेकिन उनके मन में लोकतंत्र के काम में बाधा डालने के विचार चलते रहते हैं।
मुख्तार अब्बास नकवी ने सपा सांसद आरके चौधरी के बयान 'शव जलाने, होलिका दहन से वायु प्रदूषण' पर कहा कि ऐसे बयान सनातन के खिलाफ साजिशी संक्रमण के तहत किए जाते हैं, जिन्हें ज्यादा महत्व देने की आवश्यकता नहीं है।
टीएमसी विधायक मदान मित्रा के भगवान राम पर विवादित बयान को लेकर कहा कि इन्हें न देश के बारे में जानकारी है, न सनातन के संस्कार और संस्कृति के बारे में, न भगवान राम के बारे में, न रामायण के बारे में जानते हैं, न भगवद्गीता के बारे में, लेकिन जो ज्ञानी बनते हैं, उनके बारे में क्या कहा जा सकता है।
आरएसएस नेता दत्तात्रेय होसबाले के बयान 'मुस्लिम भाई भी नदी की पूजा, सूर्य नमस्कार और प्राणायाम करें' पर नकवी ने कहा कि दत्तात्रेय ने जो बात कही है, यह सही है कि मानवता की सबसे पुरानी सनातन आस्था-संस्कृति है, जो दुनिया के सभी धर्मों और आस्थाओं के लिए सबक और संदेश रही है। सनातन के मूल सूत्र से तमाम आस्थाएं उत्पन्न हुई हैं। इसलिए यह एक हकीकत है, इसे आप स्वीकार करें या न करें लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।