क्या कांग्रेस ने देश में विभाजनकारी और अलगाववादी मानसिकता को बढ़ावा दिया है?: विनोद बंसल
 
                                सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का इतिहास विभाजनकारी घटनाओं से भरा है।
- विहिप ने कांग्रेस की आलोचना की है।
- आरएसएस की शाखाएं कोविड काल में सक्रिय रहीं।
- कांग्रेस की वर्तमान स्थिति चिंताजनक है।
- राष्ट्र निर्माण में संघ की भूमिका महत्वपूर्ण है।
नई दिल्ली, 31 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे द्वारा आरएसएस पर दिए गए बयान पर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा देश में विभाजनकारी और अलगाववादी मानसिकता को बढ़ावा दिया है और इसके इतिहास में देशद्रोह की घटनाओं की कमी नहीं रही है।
विनोद बंसल ने कहा कि भारत के विभाजन में कांग्रेस की प्रत्यक्ष भूमिका रही है। विभाजन के बाद की विभीषिका से लेकर कश्मीर पर कबायली हमले, नॉर्थ ईस्ट की समस्या, माओवाद-नक्सलवाद और दक्षिण भारत में अलगाव की घटनाओं तक, कांग्रेस ने हर बार देश के भीतर विभाजनकारी और अलगाववादी भावनाओं को पोषित किया है।
उन्होंने कहा कि जब भी राष्ट्रवाद की बात उठती है, कांग्रेस उस पर प्रहार करती है। बंसल ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने तो हिंदुओं और भगवा को आतंकवाद से जोड़ने की कोशिश की है, ताकि राष्ट्रवादी शक्तियों की छवि खराब की जा सके।
विहिप प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस ने कई बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की, लेकिन हर बार असफल रही। संघ जब अपना शताब्दी वर्ष मना रहा है, तब भी कांग्रेस उसकी छवि धूमिल करने की कोशिश कर रही है। उच्च न्यायालयों ने भी ऐसे मामलों में कांग्रेस की फटकार लगाई है, फिर भी कांग्रेस नेता समय-समय पर आरएसएस को लेकर विवादित बयान देते रहते हैं।
बंसल ने आगे कहा कि कांग्रेस अब सीमित राज्यों में सिमट गई है और उसके पास न तो कोई ठोस एजेंडा है, न ही जनाधार। अब कांग्रेस के नेता केवल संघ और भाजपा पर बयान देकर मीडिया में बने रहना चाहते हैं। यदि कांग्रेस अध्यक्ष को संघ के बारे में सच में जानना है तो उन्हें आरएसएस की शाखा में आना चाहिए।
उन्होंने दावा किया कि आरएसएस की शाखाएं कोविड काल में भी निरंतर सक्रिय रहीं, और यही संगठन की जमीनी मजबूती का प्रमाण है। कांग्रेस खुद अपने राजनीतिक अस्तित्व के अंतिम संस्कार की तैयारी में है, जबकि संघ समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण के कार्यों में लगातार अग्रसर है।
 
                     
                                             
                                             
                                             
                                             
                             
                             
                             
                            