क्या चुनाव की जरूरत नहीं थी, क्या सीपी राधाकृष्णन ही अगले उपराष्ट्रपति होंगे?

सारांश
Key Takeaways
- एनडीए के सीपी राधाकृष्णन उपराष्ट्रपति चुनाव में प्रमुख उम्मीदवार हैं।
- राहुल सिन्हा ने कांग्रेस की भूमिका पर सवाल उठाए।
- फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' को लेकर विवाद बढ़ा है।
- भाषाई सम्मान का मुद्दा भी उठाया गया।
- टीएमसी की गतिविधियों पर भी आलोचना की गई है।
कोलकाता, 9 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मंगलवार को मतदान संपन्न हुआ। यह देखना दिलचस्प होगा कि एनडीए के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णनबी सुदर्शन रेड्डी बाजी मारते हैं। हालांकि, सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता दोनों ही अपने-अपने उम्मीदवार की जीत का दावा कर रहे हैं।
जब भाजपा नेता राहुल सिन्हा से उपराष्ट्रपति चुनाव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि एनडीए का उम्मीदवार ही विजयी होगा और सीपी राधाकृष्णन अगले उपराष्ट्रपति बनेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान की कोई आवश्यकता नहीं थी, लेकिन कांग्रेस ने इसे चुनाव प्रक्रिया में जबरदस्ती शामिल किया।
सिन्हा ने आगे कहा, "कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ेगा और एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ही अगले उपराष्ट्रपति बनेंगे।"
वहीं, फेडरेशन ऑफ वेस्टर्न इंडिया सिने एम्प्लॉइज (एफडब्ल्यूआईसीई) ने विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'द बंगाल फाइल्स' को पश्चिम बंगाल में प्रदर्शित न करने पर चिंता व्यक्त की है। इस पर भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी।
उन्होंने कहा कि जिस फिल्म को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) से मंजूरी मिली है, उसकी स्क्रीनिंग पर अनौपचारिक प्रतिबंध लगाना गलत है। बंगाल से संबंधित फिल्म को यहां के लोगों को देखने से मना करना उचित नहीं है। हम ऐसी राजनीति का कड़ा विरोध करते हैं।
कोलकाता नगर निगम ने आदेश दिया है कि हर दुकान के साइनबोर्ड पर नाम बंगाली भाषा में भी लिखा जाना चाहिए। इस पर राहुल सिन्हा ने कहा कि पश्चिम बंगाल या कलकत्ता में बंगाली में बोर्ड लिखे जाने से किसी को आपत्ति नहीं है, लेकिन कोलकाता में बड़ी संख्या में हिंदी भाषी लोग भी रहते हैं।
उन्होंने कहा कि हमें बंगाली के साथ-साथ हिंदी का भी सम्मान करना चाहिए। किसी भी भाषा का अनादर नहीं किया जाना चाहिए।
भाजपा नेता राहुल सिन्हा ने बंगाल में टीएमसी के छात्र विंग द्वारा एक कॉलेज में कविगुरु रवींद्रनाथ ठाकुर की तस्वीर जलाने की भी कड़ी निंदा की।
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद (टीएमसीपी) हमेशा से बंगाल विरोधी रही है और टैगोर की तस्वीर जलाकर उन्होंने यह सिद्ध कर दिया है। इसके लिए ममता बनर्जी को न सिर्फ बंगाल बल्कि पूरे देश की जनता से माफी मांगनी चाहिए।