क्या देश में सभी को समान अधिकार मिलते हैं? जगद्गुरु रामभद्राचार्य की टिप्पणी पर अजय राय का जवाब
सारांश
Key Takeaways
- जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने जातिगत व्यवस्था के खिलाफ आवाज उठाई है।
- अजय राय ने समान अधिकारों की बात की है।
- राजनीतिक नेताओं की भूमिका पर सवाल उठाया गया है।
- भगवान की पूजा में दिखावे की राजनीति की निंदा की गई है।
- अयोध्या में सभी के लिए दर्शन का अधिकार कहा गया।
वाराणसी, २५ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने देश में जातिगत व्यवस्था को समाप्त करने की मांग की है, जबकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि इस देश में सभी को समान अधिकार प्राप्त हैं।
अजय राय ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "चाहे वे एससी हों या एसटी, पिछड़े हों, दलित हों, आदिवासी हों, हिंदू या मुसलमान, सभी को सम्मान और बराबरी से जीने का अधिकार है। देश में सभी को समान अधिकार दिए गए हैं। किसी के कहने से कुछ नहीं बदल सकता।"
श्री राम जन्मभूमि मंदिर ध्वजारोहण उत्सव पर अजय राय ने कहा, "हम हमेशा भगवान की पूजा करते हैं। ये लोग न्योता बांटते हैं और भक्ति का दिखावा करते हैं। हम भगवान भोलेनाथ के भक्त हैं और दिखावे की राजनीति नहीं करते। हर कण-कण में भगवान भोलेनाथ विराजमान हैं। हम दिखावटी नहीं हैं, जो सिर्फ दिखाने के लिए मंदिर जाते हैं।"
उन्होंने कहा, "ये लोग पूजा करते हैं तो भी दिखावटी करते हैं। हम लोग बचपन से देखते आ रहे हैं कि कभी मंदिर की पूजा का निमंत्रण नहीं बांटा गया था। इन लोगों ने दिखावे की राजनीति कर नई प्रथा शुरू कर दी है। आज आरएसएस और भाजपा के समय में ये सब नया काम शुरू कर दिया गया है।"
अजय राय ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम का दरबार सभी के लिए खुला है। गरीब और अमीर दोनों लोग वहां दर्शन कर सकते हैं। भाजपा वाले नई-नई प्रथा शुरू करके केवल प्रचार करने का काम कर रहे हैं।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने एससी-एसटी एक्ट पर कहा है कि इसे रद्द कर देना चाहिए क्योंकि वेदों में अवर्ण या सवर्ण का जिक्र नहीं है।
उन्होंने कहा, "एससी-एसटी एक्ट रद्द होना चाहिए। वेदों में अवर्ण या सवर्ण का जिक्र नहीं है। राजनीतिक नेताओं ने यह सिस्टम शुरू किया है।" उन्होंने यह भी कहा कि जाति के आधार पर कोई आरक्षण नहीं होना चाहिए।