क्या दिल के लिए अर्जुन की छाल फायदेमंद है?
सारांश
Key Takeaways
- अर्जुन की छाल दिल की सेहत के लिए अत्यंत लाभकारी है।
- यह प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है।
- रोजाना सेवन से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है।
- धमनियों में जमी चर्बी को पिघलाने में मदद करती है।
- यह मानसिक स्वास्थ्य को भी सुधारती है।
नई दिल्ली, 25 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। आजकल की तेज़ भागदौड़ भरी जिंदगी में खानपान और तनाव का असर हमारे दिल पर सबसे पहले पड़ता है। जंक फूड, अधिक तेल-मसाले वाले खाद्य पदार्थ और शारीरिक गतिविधियों की कमी के कारण शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने लगता है, जिससे दिल तक रक्त का प्रवाह रुकने लगता है।
इसके परिणामस्वरूप कई बार दिल का दौरा या स्ट्रोक हो सकता है। इस संबंध में आयुर्वेद का मानना है कि यदि शरीर का संतुलन बना रहे और पाचन तंत्र मजबूत हो, तो कोलेस्ट्रॉल अपने आप नियंत्रित रह सकता है।
आयुर्वेद में दिल की सुरक्षा के लिए कई जड़ी-बूटियों का उल्लेख किया गया है, जिनमें अर्जुन की छाल प्रमुख है। अर्जुन का पेड़ भारत के लगभग हर क्षेत्र में पाया जाता है और इसकी छाल को दिल की औषधि माना जाता है। यह धमनियों को साफ रखने, रक्त संचार को बेहतर करने और हृदय की मांसपेशियों को मजबूत बनाने में सहायक है।
वैज्ञानिक अध्ययनों में यह सिद्ध हुआ है कि अर्जुन की छाल में मौजूद प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट्स और टैनिन्स शरीर में जमा खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को घटाने में मदद करते हैं, जबकि अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ावा देते हैं। यही कारण है कि कई आयुर्वेदिक चिकित्सक इसे दिल की मजबूती के लिए आवश्यक मानते हैं।
अर्जुन की छाल को सामान्यतः पाउडर के रूप में उपयोग किया जाता है। रात में इसे दूध या पानी में उबालकर पीने से इसका असर धीरे-धीरे शरीर में दिखाई देने लगता है। आयुर्वेदिक ग्रंथों में इसे 'हृदय बल्य' यानी दिल को बल देने वाली औषधि कहा गया है। इसका स्वाद थोड़ा कसैला होता है, लेकिन इसके फायदे अत्यधिक हैं। नियमित सेवन से ब्लड प्रेशर संतुलित रहता है, ब्लॉकेज की संभावना कम होती है और शरीर में ऊर्जा का संचार बना रहता है।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, अर्जुन की छाल में ऐसे तत्व होते हैं जो धमनियों में जमी चर्बी को धीरे-धीरे पिघलाने में मदद करते हैं। यह शरीर के मेटाबॉलिज्म को दुरुस्त करती है और लिपिड प्रोफाइल को संतुलित रखने में सहायक है। इसके अलावा, इसमें मौजूद फ्लेवोनॉयड्स और सैपोनिन शरीर में फ्री रेडिकल्स से लड़ते हैं, जिससे धमनियों की दीवारें मजबूत बनी रहती हैं। यह दिल को केवल शारीरिक रूप से ही नहीं, बल्कि मानसिक रूप से भी शांत रखती है। वहीं, रोजाना हल्का व्यायाम, ध्यान, योग और संतुलित भोजन दिल को स्वस्थ बनाए रखने के लिए आवश्यक हैं।