क्या दिलीप साहब को आज़ादी सिर्फ अधिकार समझने के बजाय जिम्मेदारी मानते थे?: सायरा बानो

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क्या दिलीप साहब को आज़ादी सिर्फ अधिकार समझने के बजाय जिम्मेदारी मानते थे?: सायरा बानो

सारांश

79वें स्वतंत्रता दिवस पर, सायरा बानो ने दिलीप कुमार की देशभक्ति और आज़ादी की जिम्मेदारी के बारे में एक गहरा संदेश साझा किया। उनकी बातें हमें यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि आज़ादी का असली अर्थ क्या है। जानें और महसूस करें उनके शब्दों का महत्व।

Key Takeaways

  • आजादी एक अधिकार ही नहीं, जिम्मेदारी भी है।
  • दिलीप कुमार ने अपनी जड़ों और मूल्यों को हमेशा सम्मानित किया।
  • स्मृतियाँ केवल तस्वीरों में नहीं, बल्कि सांसों में बसती हैं।
  • भारतीय संस्कृति और परंपरा को संजोना आवश्यक है।
  • कृतज्ञता और सेवा का भाव हमें आगे बढ़ने में मदद करता है।

मुंबई, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। 79वें स्वतंत्रता दिवस पर अभिनेत्री सायरा बानो ने सोशल मीडिया पर एक भावपूर्ण संदेश साझा किया, जिसमें उन्होंने भारत के प्रति अपने गहरे लगाव और पति, दिवंगत अभिनेता दिलीप कुमार की देशभक्ति को याद किया। सायरा ने साल 1986 की फिल्म ‘कर्मा’ के गाने ‘ऐ वतन तेरे लिए’ से जुड़े एक सीन को साझा करते हुए कहा कि कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि सांसों में बसती हैं.

उन्होंने इंस्टाग्राम पर लिखा, "कुछ यादें तस्वीरों या शब्दों में नहीं, बल्कि हमारी सांसों में बसती हैं। भले ही मेरी परवरिश इंग्लिश समाज में हुई, लेकिन मेरा दिल हमेशा भारत के साथ रहा. यह अप्पाजी (मां नसीम बानो) और सुल्तान भाई के सिखाए गए अदब और घर के खाने की खुशबू में भी झलकता था। मेरी आत्मा हमेशा भारत की परंपराओं से जुड़ी रही।"

सायरा बानो ने दिलीप कुमार को अपनी सबसे बड़ी नेमत बताया। सायरा ने कहा, “आज, जब मैं पीछे मुड़कर देखती हूं, तो मुझे लगता है कि कैसे सब कुछ ऐसे घटित हुआ, जैसे खुद ऊपर वाले ने लिखा हो. मेरे लिए सबसे बड़ी नेमत के तौर पर पति दिलीप साहब मिले, जो एक देसी इंसान थे। उन्होंने अपनी जड़ों को गर्व और गरिमा के साथ जिया। उनकी देशभक्ति शोर में नहीं, बल्कि उनके कार्यों में दिखती थी। वह बिना किसी स्वार्थ के लोगों की मदद करते थे और अपने मूल्यों पर अटल रहते थे।"

सायरा ने बताया कि दिलीप कुमार को पंडित जवाहरलाल नेहरू, अटल बिहारी वाजपेयी और पी.वी. नरसिम्हा राव जैसे दिग्गजों के साथ-साथ वकीलों, अर्थशास्त्रियों और उद्योगपतियों का सम्मान प्राप्त था। लेकिन, उन्हें खास बनाता था उनका यह विश्वास कि 'आजादी सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी है', अपनी मिट्टी को कुछ लौटाने और जरूरतमंदों की मदद करने में उनका विश्वास था.

अपनी जड़ों और देश के प्रति कृतज्ञता जताते हुए सायरा बानो ने आगे लिखा, “आजादी का मतलब सिर्फ स्वतंत्र होना नहीं, बल्कि अपनी पहचान को अपनाना, अपनी विरासत को संजोना और उन लोगों का सम्मान करना है, जिन्होंने देश के लिए सब कुछ दिया।”

Point of View

सायरा बानो का संदेश हमें यह बताता है कि आज़ादी का अर्थ केवल स्वतंत्रता नहीं, बल्कि अपने कर्तव्यों को निभाना और अपने देश के प्रति अपार कृतज्ञता महसूस करना है। यह एक महत्वपूर्ण विचार है, खासकर आज के समय में जब हम अपने मूल्यों को भुला रहे हैं।
NationPress
23/08/2025

Frequently Asked Questions

सायरा बानो ने आज़ादी के बारे में क्या कहा?
सायरा बानो ने कहा कि आज़ादी सिर्फ एक अधिकार नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है।
दिलीप कुमार की देशभक्ति का क्या महत्व था?
दिलीप कुमार ने अपनी जड़ों को गर्व और गरिमा के साथ जीया और बिना स्वार्थ के समाज की मदद की।