क्या गद्दार बिगाड़ रहे हैं शहर की हालत? मुंबई के प्रदूषण पर उद्धव ठाकरे का तीखा बयान
सारांश
Key Takeaways
- उद्धव ठाकरे का प्रदूषण पर तीखा बयान
- गद्दारों को दोषी ठहराया गया
- शहर के विकास का श्रेय शिवसेना को
- भ्रष्टाचार के आरोप
- मतदाताओं को जागरूक रहने की सलाह
मुंबई, 1 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आगामी चुनावों के चलते मुंबई का राजनीतिक माहौल गर्म होता जा रहा है। कई मुद्दों पर चर्चा हो रही है, लेकिन शहर का बढ़ता प्रदूषण सबसे बड़ी चिंता बनकर उभरा है। इस पर शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने सरकार पर तीखा हमला किया है।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि आज जो प्रदूषण मुंबई में देखा जा रहा है, वह पहले कभी नहीं देखा गया और यह स्थिति पिछले दो-तीन वर्षों में बनी है।
उन्होंने यह सवाल किया कि प्रदूषण की यह स्थिति आखिर कैसे उत्पन्न हुई? ठाकरे ने आरोप लगाया कि जिन लोगों को मुंबई के नागरिकों ने चुना था, वे 'खोखे' लेकर भाग गए हैं और अब वही गद्दार शहर की हालत को बिगाड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार जनता को ऐसे लोगों को उनकी असली जगह दिखानी होगी।
उद्धव ने यह भी दावा किया कि मुंबई का विकास शिवसेना की 25-30 वर्षों की मेहनत का परिणाम है और चुनाव प्रचार शुरू होने पर वे विकास कार्यों की पूरी सूची जनता के सामने रखेंगे।
उन्होंने पूर्व विधायक मिहिर कोटेचा और मेट्रो-4 प्रोजेक्ट के संबंध में गंभीर आरोप लगाए। ठाकरे ने बताया कि एलबीएस मार्ग पर सौ से ज्यादा स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रण के नियमों का उल्लंघन हुआ है, और यह काम महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (एमएसआरडीसी) द्वारा किया जा रहा है, जो अब गद्दारों के नियंत्रण में है।
उन्होंने कहा कि इन लोगों का मुंबई से कोई लेना-देना नहीं है। ठाकरे ने यह भी कहा कि जिस तरह धूम्रपान स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है, उसी तरह ये लोग मुंबई के लिए हानिकारक हैं। इन्हें केवल सत्ता की हवा चाहिए।
इससे पहले, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना पर भी तीखा हमला किया और कहा कि पार्टी एक बेकाबू आग में फंसने वाली है। इस दौरान कम से कम 35 विधायक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में समा जाएंगे।
इस दौरान महाराष्ट्र सरकार पर भी तीखा हमला बोला गया। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखा गया कि महाराष्ट्र अनेक समस्याओं से जूझ रहा है, जबकि मुख्यमंत्री और उनके उपमुख्यमंत्रियों नगर निगम चुनावों के प्रचार में व्यस्त हैं। भाजपा और शिंदे गुट आपस में तोड़फोड़ कर रहे हैं। मतदाताओं को भारी धन का लालच दिया जा रहा है, और जो लोग पैसे लेते हैं, वे जाल में फंसकर जिंदाबाद के नारे लगाने को तैयार हो जाते हैं।