क्या बैटिंग और गैंबलिंग समाज के लिए गलत हैं, क्या इन्हें स्वीकार किया जा सकता है? अधिवक्ता विराग गुप्ता का बयान
सारांश
Key Takeaways
- गेमिंग और गैंबलिंग का बढ़ता चलन चिंताजनक है।
- सरकार को इस पर सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है।
- बेटिंग और गैंबलिंग पर कानून राज्य सरकारों के अधीन हैं।
- जुआ खेलना संवैधानिक अधिकार नहीं है।
- समाज में स्वीकार करना स्थिति को और गंभीर बना सकता है।
नई दिल्ली, 5 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। अधिवक्ता विराग गुप्ता ने मंगलवार को देशभर में बढ़ते गेमिंग और गैंबलिंग के प्रचलन पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि इसे एक स्वस्थ समाज में किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जा सकता है।
पत्रकारों के साथ बातचीत में उन्होंने कहा कि सरकार ने भी इन मुद्दों को लेकर चिंता जताई है। लगभग 63 से 65 लाख लोग इन गतिविधियों में शामिल हैं। गेमिंग में संलिप्त लोगों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। निश्चित रूप से, यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि इन मामलों के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो भविष्य में स्थिति गंभीर हो सकती है।
अधिवक्ता ने आगे कहा कि इसी कारण से कई गेमिंग कंपनियाँ सामने आई हैं, और उनका दावा है कि गेमिंग कंपनी पर किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं लगाया जा सकता क्योंकि भारत में गेमिंग का प्रचार करना उनका अधिकार है। इस पर किसी भी प्रकार का अंकुश लगाना निरर्थक है। कुछ कंपनियों ने यह भी कहा है कि उन्हें गेमिंग ऑफ स्किल से मान्यता मिली है। इस स्थिति में इस पर प्रतिबंध लगाने की बात करना पूरी तरह से निराधार है, जिसे स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि इस मामले में कई पहलू सामने आ रहे हैं। केंद्र सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट के समक्ष अंडरटेकिंग दी थी और संसद में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। लॉ कमीशन और संविधान में भी इसका उल्लेख किया गया है। बेटिंग और गैंबलिंग राज्य सरकारों के अधीन आते हैं। कई राज्यों में इसके खिलाफ कानून भी बनाए जा चुके हैं, इसलिए इस तरह की गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई केवल राज्य सरकारों का अधिकार है।
अधिवक्ता ने कहा कि लॉ कमीशन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जुआ या सट्टा खेलना कोई संविधानिक अधिकार नहीं हो सकता। इस देश में सोशल स्पोर्ट्स के नाम पर गैंबलिंग और बेटिंग को किसी भी प्रकार से बढ़ावा नहीं दिया जा सकता। यह समाज के लिए बिल्कुल भी लाभकारी नहीं है। ऐसी स्थिति को समाज में स्वीकार करने से स्थिति गंभीर हो सकती है।