क्या हेल्दी खाना भी अधिक मात्रा में खाने पर नुकसान पहुंचा सकता है? - कुणाल कपूर

सारांश
Key Takeaways
- हेल्दी खाना भी अधिक मात्रा में हानिकारक हो सकता है।
- संतुलित जीवनशैली का होना जरूरी है।
- ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ में 90 से अधिक देशों की भागीदारी है।
- भारत का खाद्य क्षेत्र वैश्विक खाद्य सुरक्षा में योगदान दे रहा है।
- नवाचार और नई तकनीक की जानकारी मिलती है।
नई दिल्ली, 27 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय द्वारा आयोजित ‘वर्ल्ड फूड इंडिया’ के चौथे संस्करण का शुभारंभ नई दिल्ली में हो चुका है। इस प्रदर्शनी का मुख्य उद्देश्य भारत की फूड इंडस्ट्री को प्रोत्साहित करना और वैश्विक निवेश को आकर्षित करना है। इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने शुक्रवार को किया।
इस प्रदर्शनी में मशहूर शेफ कुणाल कपूर भी शामिल हुए और उन्होंने राष्ट्र प्रेस से विशेष बातचीत की। कुणाल कपूर ने कहा कि अगर हेल्दी खाना भी अत्यधिक मात्रा में खाया जाए तो यह हानिकारक हो सकता है।
उन्होंने कहा, "जब मैं भारत मंडपम में आता हूं तो मुझे बहुत गर्व महसूस होता है। भारत मंडपम का इंफ्रास्ट्रक्चर अद्भुत है। इस साल का कार्यक्रम विशेष है। यहां कई फूड ब्रांड्स, उद्योग के विशेषज्ञ, शेफ, आम लोग और व्यवसाय से जुड़े लोग उपस्थित हैं। यह एक ऐसा मंच है जो हमारे देश के उत्पादों को उजागर करता है और नई इनोवेशन, नई तकनीक और नए अनाज के बारे में लोगों को जानकारी देता है। खाने के प्रति लोगों में बहुत उत्साह है।"
कुणाल कपूर ने अपनी बिरयानी यात्रा के बारे में बताया। उन्होंने कहा, "मेरी बिरयानी स्टोरी बहुत दिलचस्प रही है। हमारे घर में बिरयानी नहीं बनती थी, मैंने इसे बाद में सीखा। बड़ी मात्रा में बिरयानी बनाना चुनौतीपूर्ण है। खाना बनाने के लिए कला और विज्ञान दोनों की आवश्यकता होती है। मैंने भी सीखते समय कई गलतियां की। घर पर बिरयानी बनाना आसान है, लेकिन 250-300 लोगों के लिए इसे बनाना कठिन है।"
उन्होंने यह भी बताया कि आजकल लोग खाने-पीने की चीजों के प्रति बहुत सावधान हो गए हैं, लेकिन कोई भी खाना अनहेल्दी नहीं होता। अगर हेल्दी खाना भी अधिक मात्रा में खाया जाए, तो वह हमारे लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए हमारी जीवनशैली का संतुलन और संयमित होना बेहद जरूरी है।
इस आयोजन में 90 से अधिक देशों की भागीदारी है। इस साल भागीदार देशों में न्यूजीलैंड और सऊदी अरब शामिल हैं, जबकि जापान, संयुक्त अरब अमीरात, वियतनाम और रूस केंद्रित देशों के रूप में भाग ले रहे हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति इस बात को दर्शाती है कि भारत का खाद्य क्षेत्र अब केवल अपनी एक अरब से अधिक जनसंख्या का पेट भरने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह वैश्विक खाद्य सुरक्षा, नवाचार और व्यापार में भी योगदान दे रहा है।