क्या हिजाब विवाद में पूर्व बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर ने नीतीश कुमार का समर्थन किया?
सारांश
Key Takeaways
- नीतीश कुमार का हिजाब हटाना विवाद का कारण बना।
- हरि भूषण ठाकुर ने उनका समर्थन किया।
- राज्य में विकास की गति तेज हो रही है।
- जिहादी मानसिकता की निंदा की गई।
- कानून के माध्यम से सुरक्षा की आवश्यकता है।
पटना, 19 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक महिला डॉक्टर के हिजाब हटाने पर हुए विवाद के बीच पूर्व बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर ने उनका समर्थन किया।
हरि भूषण ठाकुर ने शुक्रवार को समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि आजकल यह आम बात हो गई है कि लोग अपनी पहचान छुपाकर नौकरी प्राप्त कर लेते हैं। कई महत्वपूर्ण पदों पर लोग इसी तरह से काबिज हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने महिला के चेहरे से हिजाब हटाने का कदम उठाया। मैं इसे गलत नहीं मानता।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नियुक्ति पत्र देने से पहले यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि सही व्यक्ति को ही यह मिले, लेकिन यह दुखद है कि कुछ जिहादी मानसिकता वाले लोग उनके इस कदम की आलोचना कर रहे हैं, जिसे किसी भी रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
उन्होंने कहा कि यह निंदनीय है कि जिहादी मानसिकता के लोग मुख्यमंत्री को धमकी दे रहे हैं। मेरा सीधा सवाल है कि हम किसी गलत व्यक्ति को नियुक्ति पत्र क्यों दें।
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि भारत में एक ऐसा कानून बनना चाहिए, जिसके अंतर्गत कोई भी व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर अपना चेहरा छिपाकर न चले। लेकिन यह अफसोसजनक है कि नीतीश कुमार को विदेश से धमकियाँ दी जा रही हैं। मैं स्पष्ट कर दूं कि अब इन लोगों की कोई नहीं चलने वाली है। इनका खेल खत्म हो चुका है, क्योंकि अब इस देश में नरेंद्र मोदी और बिहार में भी एनडीए की सरकार है। जिहादी मानसिकता के लोगों के लिए इस देश में कोई स्थान नहीं है।
पूर्व विधायक ने नीतीश कुमार के शासनकाल में राज्य की उपलब्धियों को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगा कि आज राज्य में चौतरफा विकास हो रहा है। आप पटना को देखें, पहले कैसी थी और आज कैसी है। हमारी सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि राज्य में विकास संबंधी किसी भी काम में कोताही न बरती जाए।
भाजपा नेता ने दत्तात्रेय होसबाले के बयान पर सहमति जताते हुए कहा कि आज विज्ञान भी सनातन को मान रहा है, जो सिद्धांत सनातन धर्म में निहित हैं। नदी की पूजा का प्रावधान है, और विज्ञान भी अब यह मानने के लिए तैयार है कि हमारे लिए नदी को साफ रखना कितना महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि जो लोग हमारे देश में देवताओं के संदर्भ में अशोभनीय टिप्पणी करते हैं, उन्हें सख्त सजा दिलाने के लिए कड़ा कानून बनाया जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि आज की तारीख में विपक्षी दलों की स्थिति विनाशकाले विपरीत बुद्धि जैसी हो गई है। इन लोगों के विनाश का समय आ गया है, इसलिए ये लोग हमारे आराध्य पर विवादित टिप्पणी कर रहे हैं। यदि इन लोगों को लगता है कि ऐसा करने से उन्हें राजनीतिक फायदा होगा, तो यह उनकी गलतफहमी है।