क्या कर्नाटक की जनता मुख्यमंत्री-उपमुख्यमंत्री की कुर्सी की लड़ाई से त्रस्त है? प्रदीप भंडारी
सारांश
Key Takeaways
- कर्नाटक में नेतृत्व की लड़ाई
- भ्रष्टाचार और लूट की गारंटी
- कांग्रेस की आंतरिक खींचतान
- मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री का नाश्ता
- जनता का अपमान
नई दिल्ली, 2 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस शासित कर्नाटक सरकार में नेतृत्व के मुद्दे पर राजनीतिक बयानबाजी का दौर जारी है। इस संदर्भ में भाजपा प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने मंगलवार को कांग्रेस पर तीखा हमला किया।
प्रदीप भंडारी ने कहा, "कर्नाटक में मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री कुर्सी की लड़ाई में व्यस्त हैं। इसलिए, कर्नाटक की जनता पूरी तरह से त्रस्त है। चाहे वे इडली खाएं या डोसा खाएं, लेकिन सच्चाई यह है कि कर्नाटक और राहुल गांधी का मॉडल आज देश के सामने है। जहां दोनों नेता कुर्सी की लड़ाई में उलझे रहते हैं। उन्हें इस बात की परवाह नहीं है कि कर्नाटक में पक्की सड़कों से ज्यादा गड्ढे हैं। उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि कर्नाटक की सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार हो रहा है और लूट मची हुई है।"
प्रदीप भंडारी ने कहा कि हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की सरकार है। यदि वह किसी चीज की गारंटी देती है तो वह लूट की गारंटी देती है। उनकी आपसी लड़ाई कर्नाटक की जनता का अपमान है, क्योंकि जनता ने कांग्रेस को पूर्ण बहुमत दिया था, लेकिन इसके बावजूद जनता की सेवा करने के बजाय कांग्रेस पार्टी आपसी कुर्सी की लड़ाई में व्यस्त है।
कर्नाटक में नेतृत्व को लेकर चल रही खींचतान के बीच उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक ब्रेकफास्ट मीटिंग की थी। लगभग डेढ़ घंटे चली इस मुलाकात के बाद दोनों नेताओं ने संयुक्त रूप से मीडिया से कहा कि वे पूरी तरह एकजुट हैं और नेतृत्व के मुद्दे पर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी तथा हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे।
मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, "शिवकुमार और मैं भाई जैसे हैं और पार्टी के लिए मिलकर काम कर रहे हैं। जब भी हाईकमान तय करेगा, शिवकुमार मुख्यमंत्री बनेंगे।" उन्होंने बताया कि मंगलवार को वह शिवकुमार के घर नाश्ते के लिए पहुंचे। इससे पहले शिवकुमार उनके घर आए थे और उन्होंने अपने घर आने का निमंत्रण दिया था। उसी निमंत्रण पर यह बैठक आयोजित हुई।