क्या केंद्र सरकार अपना विरोध सुनना नहीं चाहती? : सुरेंद्र राजपूत

सारांश
Key Takeaways
- प्रधानमंत्री मोदी का वाराणसी दौरा राजनीतिक चर्चाओं का विषय बना है।
- कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि वे विरोध को अनसुना कर रही हैं।
- बनारस में 'वोट चोरी' को लेकर लोगों में असंतोष है।
- लोकतंत्र में विरोध को एक आवश्यक तत्व माना जाता है।
- भाजपा और कांग्रेस के बीच राजनीतिक तनाव बढ़ता जा रहा है।
लखनऊ, 11 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा कर रहे हैं। कांग्रेस ने उनके इस दौरे पर सवाल उठाते हुए इसे राजनीतिक दबाव करार दिया। कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि सवाल यह है कि इससे आम जनता को क्या लाभ होगा?
सुरेंद्र राजपूत ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "प्रधानमंत्री का वाराणसी आना एक सकारात्मक बात है। लेकिन, सवाल यह है कि बनारस को क्या मिल रहा है?"
उन्होंने कहा कि बनारस की जनता के मन में भी 'वोट चोरी' को लेकर प्रश्न हैं। लोग जानना चाहते हैं कि जब लोकसभा चुनाव 2024 की मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय छह राउंड तक आगे थे, तो अचानक क्या हुआ कि लाइट गायब हो गई और डेटा भी अदृश्य हो गया। सब कुछ गायब हो गया और उसके बाद नतीजे घोषित कर दिए गए।
उन्होंने आगे कहा, "अगर अजय राय सवाल पूछना चाहते हैं तो उन्हें नजरबंद कर दिया जाता है। मैं पूछता हूं कि सरकार अपना विरोध क्यों नहीं सुनना चाहती? लोकतंत्र में विरोध एक आवश्यक अंग है। इसे सरकार क्यों नहीं जानना चाहती? ये सारे सवाल उठाए जाएंगे।"
सुरेंद्र राजपूत ने कहा, "बुधवार को रायबरेली में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी का जिस तरह विरोध किया गया, उसी तरह आज काशी में विरोध करने की योजना थी। आज कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने इसका ऐलान किया था, लेकिन विरोध करने वालों को हाउस अरेस्ट कर लिया गया। हम खुद से कहते हैं कि भाजपा राहुल गांधी का विरोध करे, क्योंकि वे लोकतंत्र के लिए विरोध सहते हैं। मैं उन्हें यह भी बताना चाहता हूं कि अगर केंद्र सरकार का विरोध होना है, तो इसे नहीं रोका जा सकता।