क्या बॉर्डर से अवैध घुसपैठ होना केंद्र सरकार की विफलता है?: कुणाल घोष

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क्या बॉर्डर से अवैध घुसपैठ होना केंद्र सरकार की विफलता है?: कुणाल घोष

सारांश

कोलकाता में टीएमसी नेता कुणाल घोष ने आरएसएस के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। क्या यह वास्तव में केंद्र की विफलता है? जानें इस विवादास्पद बयान के पीछे की सच्चाई।

Key Takeaways

  • केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाना राजनीतिक प्रक्रिया का हिस्सा है।
  • अवैध घुसपैठ की समस्या गंभीर है।
  • टीएमसी ने सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने के लिए नई नीति बनाई है।
  • राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप जारी है।
  • चुनाव आयोग की बैठक का निर्णय महत्वपूर्ण रहेगा।

कोलकाता, 7 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के नेता सुनील आंबेकर द्वारा बांग्लादेश की स्थिति पर पश्चिम बंगाल में जनसंख्या परिवर्तन को लेकर व्यक्त की गई चिंता को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के नेता कुणाल घोष ने रविवार को राजनीतिक मंशा से प्रेरित बताया। उन्होंने कहा कि यदि बॉर्डर से अवैध घुसपैठ हो रही है, तो यह केंद्र सरकार की विफलता है।

कुणाल घोष ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, "यदि बॉर्डर से अवैध प्रवासियों का भारत में प्रवेश हो रहा है, तो इसकी जिम्मेदारी केंद्रीय गृह मंत्रालय की है। ऐसे में यदि घुसपैठियों की समस्या उत्पन्न हो रही है, तो यह अमित शाह के मंत्रालय की विफलता है, इसलिए आरएसएस नेता अप्रत्यक्ष रूप से अमित शाह की ओर इशारा कर रहे हैं।"

उन्होंने राज्य में दुकानों के साइन बोर्ड पर बंगाली भाषा में नाम लिखे जाने के आदेश पर कहा, "टीएमसी सरकार ने कोलकाता में एक नोटिस जारी किया है, जिसमें सभी व्यावसायिक क्षेत्रों और दुकानों के साइन बोर्ड बंगाली में लिखने का निर्देश दिया गया है। इस कदम को संस्कृतिक पहचान को बढ़ावा देने के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन कुछ व्यापारी इसे अनावश्यक नियम मानकर विरोध जता रहे हैं।"

कोलकाता के हरिदेवपुर में एक गैंगरेप के मामले पर उन्होंने कहा, "इस घटना की पुलिस जांच कर रही है। इसका प्रदेश के कानून व्यवस्था से कोई संबंध नहीं है।"

कुणाल घोष ने मालदा टीएमसी के अध्यक्ष अब्दुल रहीम बख्शी द्वारा भाजपा नेता शंकर घोष को तेजाब डालने की धमकी देने वाले बयान पर टिप्पणी करने से बचते हुए कहा, "पूरा मामला मुझे ज्ञात नहीं है। लेकिन शंकर घोष का कार्य अनैतिक है।"

भारतीय चुनाव आयोग ने 10 सितंबर को बैठक बुलाई है। इस बैठक में देशभर की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) कराने के निर्णय पर चर्चा होनी है। कुणाल घोष ने बैठक में लिए गए निर्णय के आधार पर पार्टी की रणनीति तय करने की बात कही। उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग की बैठक में एसआईआर पर लिए गए निर्णय के बाद पार्टी अपनी रणनीति बनाएगी। पार्टी जनहित को प्राथमिकता देगी।"

Point of View

लेकिन इसे देश की सुरक्षा से जोड़ना गंभीर है। सभी पक्षों को मिलकर समस्या का समाधान निकालना चाहिए।
NationPress
07/09/2025

Frequently Asked Questions

कुणाल घोष ने किस मुद्दे पर बयान दिया?
कुणाल घोष ने अवैध घुसपैठ और केंद्र सरकार की नीतियों पर बयान दिया।
आरएसएस नेता का बयान क्या था?
आरएसएस नेता सुनील आंबेकर ने बांग्लादेश की स्थिति पर पश्चिम बंगाल में जनसंख्या परिवर्तन की चिंता जताई थी।
टीएमसी नेता ने क्या कहा?
उन्होंने कहा कि यदि अवैध प्रवासी भारत में प्रवेश कर रहे हैं, तो यह केंद्र सरकार की विफलता है।
क्या टीएमसी की नई नीति को लेकर व्यापारी नाराज हैं?
हां, कुछ व्यापारी इसे अनावश्यक नियम मानकर विरोध जता रहे हैं।
भारतीय चुनाव आयोग की बैठक कब है?
भारतीय चुनाव आयोग की बैठक 10 सितंबर को है।