क्या कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान इसकी आत्मा हैं? : शिवराज सिंह चौहान

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क्या कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ और किसान इसकी आत्मा हैं? : शिवराज सिंह चौहान

सारांश

कृषि की भूमिका और किसानों के महत्व पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने महत्वपूर्ण बातें साझा की। बिहार में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री की योजनाओं का जिक्र करते हुए उन्होंने किसानों की सेवा को सबसे बड़ा धर्म बताया।

Key Takeaways

  • कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की नींव है।
  • किसान इसकी आत्मा हैं और उनकी सेवा करना महत्वपूर्ण है।
  • भारत अब खाद्यान्न का निर्यात कर रहा है।
  • कृषि सलाहकारों का योगदान अनिवार्य है।
  • प्रधानमंत्री की योजनाएं कृषि को बढ़ावा देने के लिए हैं।

नई दिल्ली, 4 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय कृषि, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शनिवार को बिहार दौरे के दौरान पटना में आयोजित रबी कार्यशाला और कृषि सलाहकार संवाद में भाग लिया।

कार्यक्रम में कृषि वैज्ञानिकों, सलाहकारों और किसानों को संबोधित करते हुए चौहान ने कहा कि कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और किसान इसकी आत्मा हैं। किसानों की सेवा करना ईश्वर की पूजा करने के समान है।

भारत के कृषि परिवर्तन को याद करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "एक समय था जब भारत पीएल-480 कार्यक्रम के तहत अमेरिका से लाल गेहूं आयात करता था। आज हमारे अन्न भंडार गेहूं और चावल से भरे हुए हैं और भारत अन्य देशों को खाद्यान्न निर्यात करने की स्थिति में है।"

उन्होंने इस प्रगति का श्रेय किसानों के अथक प्रयासों और कृषि सलाहकारों के महत्वपूर्ण योगदान को दिया।

कृषि सलाहकारों की भूमिका की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि उनके बिना, अनुसंधान प्रयोगशालाओं की उपलब्धियां जमीनी स्तर तक कभी नहीं पहुंच पातीं। उन्होंने कहा कि सरकार ने कृषि सलाहकारों की आवश्यकता और महत्व, दोनों को पहचाना है और उनके सम्मान और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

दालों और मक्का उत्पादन में बिहार की क्षमता पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दलहन मिशन के माध्यम से भारत दालों के उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करेगा और कृषि सलाहकार इस प्रयास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा हाल ही में स्वीकृत न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) में वृद्धि का भी उल्लेख किया।

कार्यक्रम के दौरान, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में शुरू की गई प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना का लक्ष्य उन जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाना है, जहां उत्पादन कम है, जिसमें बिहार के कई जिले शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत 11 विभाग मिलकर और समन्वय के साथ काम करेंगे ताकि कृषि उत्पादन को बढ़ाया जा सके।

प्रधानमंत्री के सिद्धांत राष्ट्रहित सर्वोपरि (राष्ट्र पहले) का जिक्र करते हुए चौहान ने जोर देकर कहा कि भारत अपने किसानों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि आज भारत एक स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्र के रूप में अपनी शर्तों पर आगे बढ़ रहा है।

Point of View

जब भारत कई चुनौतियों का सामना कर रहा है, तब कृषि क्षेत्र की प्रगति अत्यंत आवश्यक है। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान का यह दृष्टिकोण हमें यह याद दिलाता है कि किसानों का उत्थान और उनकी भागीदारी हमारी आर्थिक स्थिरता का आधार है।
NationPress
04/10/2025

Frequently Asked Questions

कृषि का महत्व क्या है?
कृषि भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और यह खाद्य सुरक्षा के लिए आवश्यक है।
किसान और कृषि सलाहकारों की भूमिका क्या है?
किसान उत्पादकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जबकि कृषि सलाहकार उन्हें सही मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।
प्रधानमंत्री धन-धान्य योजना का उद्देश्य क्या है?
इस योजना का उद्देश्य उन जिलों में कृषि उत्पादकता को बढ़ाना है जहां उत्पादन कम है।