क्या कांग्रेस सरकार ने मराठी भाषा को प्राथमिकता दी थी? : रमेश चेन्निथला

Click to start listening
क्या कांग्रेस सरकार ने मराठी भाषा को प्राथमिकता दी थी? : रमेश चेन्निथला

सारांश

क्या कांग्रेस सरकार ने मराठी भाषा को प्राथमिकता दी? रमेश चेन्निथला के बयान से भाजपा पर आरोप। जानें पूरी कहानी!

Key Takeaways

  • मराठी भाषा को प्राथमिकता देने का वादा
  • भाजपा पर गंदे राजनीति का आरोप
  • कांग्रेस का संगठन सृजन अभियान
  • भाषा विवाद पर प्रमोद तिवारी का बयान

नई दिल्ली, ८ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र में ‘भाषा’ को लेकर चल रहा विवाद अभी थमता नहीं दिख रहा है। इस विषय पर महाराष्ट्र कांग्रेस प्रभारी रमेश चेन्निथला ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने मराठी भाषा को विशेष प्राथमिकता दी थी। अब भाजपा सरकार इस मुद्दे को अनावश्यक रूप से उठा रही है।

रमेश चेन्निथला ने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "कांग्रेस पार्टी के सिद्धांत स्पष्ट हैं। हमने हमेशा उन सिद्धांतों का अनुसरण किया है। हम किसी भी भाषा की उपेक्षा नहीं करते। हमारे कार्यकाल में हमने सभी भाषाओं का सम्मान किया है और आज भी इस पर हम अडिग हैं। हमारी सरकार ने मराठी भाषा को प्राथमिकता दी थी। अब भाजपा सरकार ने इस अनावश्यक मुद्दे को उठाया है, लेकिन उन्हें इसे वापस लेना पड़ा। भारतीय भाषाओं का अपमान करना उचित नहीं है।"

कांग्रेस के ‘संगठन सृजन अभियान’ पर चेन्निथला ने कहा, "महाराष्ट्र में कांग्रेस कमेटी का संगठन सृजन अभियान चल रहा है। हम आगामी पंचायत के लिए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को इस संबंध में लिस्ट सौंपने वाले हैं।"

उन्होंने भाजपा पर भी हमला किया। उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में गंदे राजनीतिक खेल की शुरुआत भाजपा ने की है। इसके बाद उन्हें अपना निर्णय वापस लेना पड़ा। हमारी पार्टी सभी भारतीयों के साथ है और सभी के लिए काम करती है।"

इससे पहले, भाषा विवाद पर कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने भाजपा को निशाने पर लिया था।

उन्होंने निशिकांत दुबे के बयान का उल्लेख करते हुए कहा, "एक सांसद की भाषा और एक गुंडे की भाषा में भेद होना चाहिए। यह सांसद की भाषा नहीं है, यह संसदीय भाषा नहीं है। यदि आपको अपनी बात कहनी है तो शब्दों और विचारों के माध्यम से कहिए, 'पटक-पटक कर मारना' या अभद्र भाषा का प्रयोग करना भाजपा की संस्कृति हो सकती है, लेकिन यह भारत माता की नहीं है।"

ज्ञात हो कि महाराष्ट्र में भाषा विवाद उस समय शुरू हुआ जब राज्य सरकार ने स्कूलों में त्रिभाषा नीति लागू करने का निर्णय लिया। इस फैसले का महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) और अन्य विपक्षियों ने विरोध किया। इतना ही नहीं, विवाद बढ़ने पर महाराष्ट्र सरकार ने अपना निर्णय वापस ले लिया, लेकिन स्थिति को संभालने के बाद इस मुद्दे पर बयानबाजी जारी है।

Point of View

न कि केवल राजनीतिक लाभ के लिए विवाद खड़े करने चाहिए।
NationPress
05/09/2025

Frequently Asked Questions

क्या कांग्रेस ने मराठी भाषा को प्राथमिकता दी थी?
हां, रमेश चेन्निथला के अनुसार, कांग्रेस सरकार ने हमेशा मराठी भाषा को प्राथमिकता दी थी।
भाजपा का इसमें क्या कहना है?
भाजपा ने इस मुद्दे को उठाया है और कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि वे भाषा का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
क्या महाराष्ट्र सरकार ने त्रिभाषा नीति वापस ली है?
जी हां, महाराष्ट्र सरकार ने विवाद के बाद त्रिभाषा नीति का फैसला वापस ले लिया था।