क्या मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक पर लगे आरोप की निष्पक्ष जांच होगी? : उमंग सिंघार

सारांश
Key Takeaways
- हेमंत कटारे पर दुष्कर्म के आरोप की जांच होगी।
- सर्वोच्च न्यायालय ने निष्पक्षता से जांच के निर्देश दिए।
- उमंग सिंघार ने राजनीतिक दबाव की आलोचना की।
- राज्य सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप।
- जांच पुलिस उप महानिरीक्षक की निगरानी में होगी।
भोपाल, 5 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। मध्य प्रदेश के कांग्रेस विधायक हेमंत कटारे पर दुष्कर्म के आरोप की जांच के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश जारी किए हैं। राज्य के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार का कहना है कि यह जांच निष्पक्ष और किसी भी राजनीतिक दबाव के बिना होनी चाहिए।
उमंग सिंघार ने मंगलवार को संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा कि कांग्रेस विधायक पर आरोप लगे हैं, लेकिन दोष सिद्ध नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय ने जांच के आदेश दिए हैं, और यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जांच प्रभावित न हो और किसी प्रकार का राजनीतिक दबाव न हो। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार ही जांच होनी चाहिए।
उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार के काम करने के तरीके से सभी परिचित हैं। इस प्रकार के मामलों में अक्सर सत्ता पक्ष से दबाव आता है। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सरकार विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कांग्रेस की विधायक सेना पटेल के पुत्र, अभय मिश्रा, और आरिफ मसूद पर भी कार्रवाई की गई। विधायक हेमंत कटारे भी इसी श्रेणी में आते हैं। कुल मिलाकर, सरकार सभी को दबाने का प्रयास कर रही है।
उमंग सिंघार ने कहा कि सत्ता चाहे जितना दबाने का प्रयास करे, विपक्ष मजबूत है और अपनी ताकत के साथ विधायक की बात कह रहे हैं। दूसरी ओर, सरकार अपने जवाब देने में असफल है। चाहे युवाओं की बेरोजगारी हो, संविदा शिक्षक के मामले, महिला अत्याचार, या आदिवासी सहित अन्य वर्गों पर उत्पीड़न, सरकार पूरी तरह से विफल है। राज्य विधानसभा का मानसून सत्र चल रहा है, और कांग्रेस लगातार सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। हर दिन, विधानसभा से लेकर सदन के बाहर तक, कांग्रेस के विधायक हंगामा कर रहे हैं।
भिंड जिले के अटेर से कांग्रेस विधायक और उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप की फिर से जांच होगी। इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिए हैं। यह जांच पुलिस उप महानिरीक्षक की निगरानी में होगी।